तभी तो शहर की सडक़ों पर कचरे के ढेर लगे हैं और कर्मचारी हैं कि उठाना तो दूर जाकर देखना भी मुनासिब नहीं समझते। बतादें कि केन्द्र सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश को पूर्णरूपेण स्वच्छ करने का लक्ष्य २ अक्टूबर २०१९ तय किया है। इसके तहत देश के सभी राज्यों और कस्बों को खुलेे में शौच से मुक्ति दिलाना और शहर को कचरा मुक्त करना है। चेन्नई महानगर में भी विगत २९ सितम्बर को तत्कालीन प्रभारी राज्यपाल विद्यासागर राव एवं राज्यसभा सांसद फिल्म अभिनेत्री रेखा ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान की शुरुआत की। कॉलीवुड अभिनेता सुपरस्टार रजनीकांत ने भी इस अभियान की सराहना की और आमजन को इस अभियान से जुडऩे की सलाह दी।
इतना ही नहीं महानायक अमिताभ बच्चन, अभिनेता अक्षय कुमार , अभिनेत्री अनुष्का शर्मा , सुप्रसिद्ध क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर सरीखे बहुत से अभिनेता स्वच्छ भारत अभियान कैम्पेन का हिस्सा बने हुए हैं। बावजूद इसके चेन्नई महानगर सफाई के मामले बेहद फिसडी है। शहर में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान सिर्फ कागजी दिखाई दे रहा है। इसी का परिणाम है कि महानगर को स्वच्छता के मामले में २३५वीं रैंक मिली है।
कहने को तो ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन और मौजूदा सरकार राज्य ‘स्वच्छता ही सेवा’ को हाथोंहाथ ले रहे हैं और ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन का तो यह कहना है कि वह महानगर को स्वच्छ बनाने के मामले में बेहद गंभीर है और करीब १५०० सफाईकर्मी इस ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के तहत काम कर रहे हैं लेकिन जिस तरह शहर में कचरा पसरा है उससे लगता नहीं कि कॉर्पोरेशन के कर्मचारी इस अभियान के तहत कार्यरत हैं।पत्रिका संवाददाता ने जब शहर के कुछ इलाकों का दौरा किया तो ग्रांउड रिपोर्ट कुछ अलग ही बयां कर रही थी।
आमजन कहिन…
कचरा निस्तारण सही नहीं
महानगर के अधिकांश इलाकों में कचरा निस्तारण सही नहीं किया जा रहा है। चूलै, पेरम्बूर, रेडहिल्स, कोलत्तूर, माधवरम, पूझल, वेपेरी, साहुकारपेट, रायपुरम, जार्जटाउन समेत अनेक इलाकों में सडक़ों से कचरा पात्र ही गायब हैं और जहां रखे भी है वे बेहद जर्जर हालत में और पूरे कचरे से भरे हुए। इसीलिए लोग अपना कचरा नीचे ही डालने को विवश है। वह कचरा समय से नहीं उठने के कारण निकलती बदबूू राहगीरों की परेशानी का कारण बनी हुई है। कॉर्पोरेशन को हर स्ट्रीट में पर्याप्त कचरा पात्र रखने चाहिए ताकि लोग कचरा उनमें ही डाल सकें। अमित जैन, व्यवसायी, पूझल
आमजन भी जिम्मेदार
शहर को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी सिर्फ महानगर निगम की ही नहीं है, आमजन की भी है। सभी को अपने आसपास की जगहों को स्वच्छ और साफ रखनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य है कि सफाई को तो लोग नजरंदाज कर कचरा जहां जगह मिली डाल देते हैं। इसी का परिणाम है कि महानगर के सभी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है।बी निर्मला, सामाजिक कार्यकर्ता, रायपुरम
गंदगी फैला रही बीमारियां
महानगर में इन दिनों मलेरिया, चिकनगुनिया, टायफाइड, डेंगू बुखार का प्रकोप चरम पर है जिनका निवारण मुश्किल हो रहा है। इन सभी रोगों का कारण शहर में गंदगी का अम्बार लगा होना है। पिछले एक साल से मेयर और कांउसलर का पद रिक्त होने के कारण ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन का संचालन अधिकारियों द्वारा ही किया जा रहा है। ऐसे में शहर की सफाई भगवान भरोसे ही चल रही है।एम रवि कुमार, कार्यकर्ता, डीएमके