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साउथ चेन्नई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र : महिला कर्मचारियों की सुरक्षा है बड़ा मुद्दा

locationचेन्नईPublished: Apr 16, 2019 02:07:52 pm

Submitted by:

Ritesh Ranjan

साउथ चेन्नई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रराजनीतिक विरासत को आगे ले जाने की है जिम्मेदारी

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साउथ चेन्नई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र : महिला कर्मचारियों की सुरक्षा है बड़ा मुद्दा

चेन्नई. दक्षिण चेन्नई लोकसभा सीट राज्य में तीन निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। पहले इसे मद्रास साउथ के नाम से जाना जाता था। यह सीट 1957 में मद्रास लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के विभाजन के माध्यम से बनाया गई थी। इस निर्वाचन क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्र शामिल थे। राज्य के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री सी. एन. अण्णादुरै ने 1967 में मुख्यमंत्री पद के लिए नामित होने के बाद अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया था। इसे बाद में मुरासोली मारन ने यहां से चुनाव लड़ा और जीता। वर्तमान में यह सीट अन्नाद्रमुक के डॉ. जे. जयवर्धन के पास है।
इस लोकसभा चुनाव में साउथ चेन्नई निर्वाचन क्षेत्र में आमने सामने खड़े एआईएडीएमके और डीएमके के उम्मीदवारों पर अपनी-अपनी राजनीतिक विरासत को संभाले रखने की जिम्मेदारी है। राजनीति में वंशवाद को लेकर हो रही बहस से ये दोनों ही उम्मीदवार अप्रभावित हैं। साउथ चेन्नई से इस आम चुनाव में एआईएडीएमके ने अपने पूर्व विजेता खिलाड़ी जे. जयवर्धने और डीएमके ने तमिझची तंगपांडियन उर्फ सुमति को मैदान में उतारा है। पेशे से डॉक्टर और राज्य के मत्स्यपालन मंत्री डी. जयकुमार के बेटे ज. जयवर्धने युवा राजनीति की पहचान रखते हैं। उन्होंने 2014 के आम चुनाव में डीएमके के दिग्गज नेता टीकेएस इलंगोवन को भारी मतों के अंतर से हराया था। 2009 के लोकसभा चुनाव में भी इस सीट पर एआईएडीएमके का ही कब्जा रहा। उससे पहले 2004 के चुनाव में डीएमके के टीआर बालू ने 2 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। इस बार डीएमके ने 2004 का जादू फिर से चलाने की उम्मीद में सुमति को यहां से टिकट दिया है। साहित्यकार, थियेटर कलाकार, गीतकार सुमति यानी तमिझची तंगपांडियन के लिए यह राजनीति का आगाज है। उनके लिए राजनीति नई नहीं है। तमिझची के पिता स्वर्गीय वी. तंगपाडियन और भाई तंगम तेन्नरसु डीएमके में मंत्री है। वे खुद 2007 से डीएमके की आर्ट विंग का हिस्सा हैं। 1957 से अब तक 8 बार इस सीट पर डीएमके ने अपना वर्चस्व जमाया है।
हालांकि चुनाव से पहले इन उम्मीदवारों के लिए पारिवारिक पृष्ठभूमि आत्मविश्वास बढ़ाने वाली हो सकती है, लेकिन इससे अन्य राजनीतिक दलों के लिए पारिवारिक राजनीति पर कटाक्ष करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
दक्षिण चेन्नई भी महानगरीय क्षेत्र में आता है। अंग्रेजी और तमिल दो प्रमुख भाषाएं हैं जो यहां बोली जाती हैं। चेन्नई दक्षिण सीट पर औसत साक्षरता दर 90 प्रतिशत से ऊपर है। कुल 40 उम्मीदवार विभिन्न राजनीतिक दलों और निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने इस निर्वाचन क्षेत्र के लिए 27 आवेदन अस्वीकार कर दिए जबकि उनमें से दो ने नामांकन वापस ले लिया।
राजनीतिक क्षेत्र में प्रतिष्ठित निर्वाचन क्षेत्र
दक्षिण चेन्नई में मईलापुर, सईदापेट, विरुगम्बाक्कम, शोलिंगनल्लूर, टी.नगर और वेलचेरी जैसे छह क्षेत्र शामिल हैं।

चेन्नई दक्षिण लोकसभा क्षेत्र 2019 के उम्मीदवार
आर. कुमार बहुजन समाज पार्टी
तमिझची तंगपांडियन द्रविड़ मुनेत्र कडग़म
जे. जयवर्धन एआईएडीएमके
साईकुमार एस. सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया, कम्युनिस्ट
एस.श्रीनिवासन रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया
ए. नरेश मक्कल कच्ची
रंगराजन मक्कल नीदि मय्यम
कुल मतदाता
19,36,209
पुरुष
9,61,904
महिला
9,73,934
————
इस निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं में महिला और पुरुष मतदाताओं के अनुपात में महिला मतदाता की संख्या ज्यादा है।

नहीं है मतदाता वोट देने को तैयार
दक्षिण चेन्नई संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र में मतदाओं के जीवन स्तर में विरोधाभास है। राज्य के आईटी हब शोलिंगनल्लूर जैसे उच्च प्रोफाइल इलाके और मईलापुर और टी नगर जैसे शहरी क्षेत्र के साथ ही नाचिकुप्पम जैसे कम विकसित सामाजिक-आर्थिक इलाके भी इस निर्वाचन क्षेत्र में शामिल है। यहां आई टी कंपनियों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के साथ ही महानगर के वाणिज्यिक केंद्र टी नगर में आधारभूत संरचना का अभाव है। टी नगर के मतदाताओं ने यातायात की भीड़, अनधिकृत इमारतें, बड़े पैमाने पर अतिक्रमण और अनियमित पार्किंग की समस्याओं का समाधान न होने के कारण चुनाव के बहिष्कार करने की धमकी दी है। इस निर्वाचन क्षेत्र में भूजल स्तर की कमीं के कारण हो रही पानी की कमीं भी एक बड़ी चुनौती है।

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