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चेन्नई में पुदुमै पल्ली प्रोजेक्ट पूरा हुआ रोजगार की क्षमता का विकास

locationचेन्नईPublished: Aug 30, 2018 10:02:18 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

ब्रिटिश काउंसिल ने चेन्नई में पुदुमै पल्ली प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरा किया है। 70 स्कूल के 51,000 विद्यार्थियों एवं 140 शिक्षक इससे लाभान्वित हुए। इस परियोजना

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चेन्नई में पुदुमै पल्ली प्रोजेक्ट पूरा हुआ रोजगार की क्षमता का विकास


चेन्नई.
ब्रिटिश काउंसिल ने चेन्नई में पुदुमै पल्ली प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरा किया है। 70 स्कूल के 51,000 विद्यार्थियों एवं 140 शिक्षक इससे लाभान्वित हुए। इस परियोजना का लक्ष्य शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की रोजगार क्षमता का विकास करना था। इसके लिए एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका विषय चेन्नई में इनोवेटिव स्कूल का विकास करना था। वक्ताओं ने प्रोजेक्ट के तहत सीखी गई बातों की जानकारी दी। तीन साल की इस परियोजना को ब्रिटिश काउंसिल ने लागू किया था। इसमें ग्रेटर चेन्नई निगम एवं मैकअरतुर फाउंडेशन की भागीदारी थी। परियोजना के तहत विद्यार्थियों को 21वीं सदी के कौशल (अंग्रेजी, उद्यम तथा नेतृत्व कौशल) की जानकारी दी गई। इसके लिए एक ऐसी प्रणाली का निर्माण किया गया जो शिक्षक शिक्षा तथा पेशेवर विकास को मदद कर सके। युवाओं को टूल्स की जानकारी दी गई ताकि वे आजीविका कमा सके। ये वे युवा है जो सामाजिक आर्थिक रूप से हाशिए पर हैं। काउंसिल के साउथ इंडिया के निदेशक (एक्टिंग) डा.एन्टोनियस रघुबंशी ने कहा कि विद्यार्थियों, स्कूल लीडर्स तथा शिक्षकों में प्रतिभा और क्षमता की कोई कमी नहीं है। जरूरत मास्टर ट्रेनर्स समेत अन्य को कौशल से लैस करने की है जिससे वे आत्मविश्वास के साथ जीवन जी सके। इससे समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
चेन्नई में हुए कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारी।
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चेन्नई.
ब्रिटिश काउंसिल ने चेन्नई में पुदुमै पल्ली प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरा किया है। 70 स्कूल के 51,000 विद्यार्थियों एवं 140 शिक्षक इससे लाभान्वित हुए। इस परियोजना का लक्ष्य शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की रोजगार क्षमता का विकास करना था। इसके लिए एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका विषय चेन्नई में इनोवेटिव स्कूल का विकास करना था। वक्ताओं ने प्रोजेक्ट के तहत सीखी गई बातों की जानकारी दी। तीन साल की इस परियोजना को ब्रिटिश काउंसिल ने लागू किया था। इसमें ग्रेटर चेन्नई निगम एवं मैकअरतुर फाउंडेशन की भागीदारी थी। परियोजना के तहत विद्यार्थियों को 21वीं सदी के कौशल (अंग्रेजी, उद्यम तथा नेतृत्व कौशल) की जानकारी दी गई। इसके लिए एक ऐसी प्रणाली का निर्माण किया गया जो शिक्षक शिक्षा तथा पेशेवर विकास को मदद कर सके। युवाओं को टूल्स की जानकारी दी गई ताकि वे आजीविका कमा सके। ये वे युवा है जो सामाजिक आर्थिक रूप से हाशिए पर हैं। काउंसिल के साउथ इंडिया के निदेशक (एक्टिंग) डा.एन्टोनियस रघुबंशी ने कहा कि विद्यार्थियों, स्कूल लीडर्स तथा शिक्षकों में प्रतिभा और क्षमता की कोई कमी नहीं है। जरूरत मास्टर ट्रेनर्स समेत अन्य को कौशल से लैस करने की है जिससे वे आत्मविश्वास के साथ जीवन जी सके। इससे समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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