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ऑर्गनोक्स मेत्रा अंग सरक्षक लिवर प्रत्यारोपण में कारगर

locationचेन्नईPublished: Sep 20, 2018 11:34:07 pm

Submitted by:

arun Kumar

यकृत को शरीर के अपेक्षित ताप के अनुकूल रखता है

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ऊतकों की गुणवत्ता में सुधार करने में मददगार

चेन्नई. अपोलो अस्पताल चेन्नई ने ऑर्गनोक्स मेत्रा नामक एक अंग संरक्षण उपकरण की मदद से सफल लिवर प्रत्यारोपण की घोषणा की। यह विशेष उपकरण प्रत्यापित किए जाने वाले यकृत को शरीर के अपेक्षित ताप के अनुकूल रखते हुए ऊतकों की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है। दरअसल परंपरागत प्रणाली के तहत अंग को संरक्षित रखने के लिए बर्फ के ठंडे बक्से में उसका भंडारण करना पड़ता है, लिवर के लिए तो ऐसा 8-10 घंटे तक करना पड़ता है लेकिन इस नई प्रणाली के तहत मशीन यकृत को शरीर के लिए अपेक्षित तापमान पर बनाए रखते हुए उसे आक्सीजनयुक्त रक्त, दवाएं एवं अन्य पोषक तत्व प्रदान करता रहता है। यह लिवर को शरीर के बाहर भी 24 घंटे तक स्वस्थ रखता है।
20 प्रतिशत रोगियों की मौत उपयुक्त अंगों की कमी के कारण

गौरतलब है कि यकृत की प्रतीक्षा में बैठे लगभग 20 प्रतिशत रोगियों की मौत उपयुक्त अंगों की कमी के कारण हो जाती है। अस्पताल ने बताया कि इस नई तकनीक के माध्यम से लिवर सिरोसिस से जूझ रहे एस. राजेंद्रन नामक 66 साल के मरीज के शरीर में यकृत का सफल प्रत्यारोपण किया गया है। अपोलो लिवर ट्रांसप्लांट इंस्टीट्यूट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मोहम्मद नईम ने बताया कि इस नई तकनीक ने हास्पिटल खर्च को काफी कम कर दिया है। डॉ. अनिल विद्या नामक एक अन्य लिवर सर्जन ने बताया कि इस प्रणाली से लिवर को 8-10 घंटे की तुलना में 24 घंटे तक स्वस्थ रखा जा सकता है।
50 लाख रुपए का चेक दिया

चेन्नई. करूर वैश्य बैंक ने अपने कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी के तहत तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) स्थित श्री वेंकटेश्वर आयुर्विज्ञान संस्थान के श्री बालाजी आरोग्य वर प्रसादिनी योजना के लिए गुरुवार को 50 लाख रुपए का चेक प्रदान किया। यह राशि बैंक के निदेशकों एम.के. वेंकटेशन, एन.एस. श्रीनाथ, एम.वी. श्रीनिवास मूर्ति एवं आर. रामकुमार द्वारा टीटीडी के संयुक्त कार्यकारी अधिकारी के. एस. श्रीनिवास को सौंपी गई। इस दौरान वहां श्री वेंकटेश्वर आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. रवि कुमार भी मौजूद थे।
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