फिर वरिष्ठ अधिकारियों ने तेल के रिसाव को रोकने, समुद्र में बनी तेलीय सतह को नियंत्रित करने व इसे बाहर निकालने को लेकर चर्चा की। आपसी मशविरे के बाद चेन्नई पोर्ट पर तैनात भारतीय तटरक्षक बल के दो गश्ती जहाजों को फौरन मौके के लिए रवाना कर दिया गया। एण्णूर पोर्ट प्रशासन ने तट पर खड़े जहाजों को वहां से हटाने तथा नए जहाजों के प्रवेश को तात्कालिक तौर पर पाबंद कर दिया है।
समंदर में तेल के फैलाव से हुए प्रदूषण को दूर करने के लिए तटरक्षक बल के विशेष जहाज ‘समुद्र पहरेदारÓ को विशाखापत्तनम से बुलाया गया है। यह जहाज संभवत: सोमवार को एण्णूर पहुंचेगा। स्थानीय तौर पर समंदर में विकसित हुई तेलीय परत पर समुद्री पुलिस के हेलिकॉप्टर के जरिए निगरानी शुरू कर दी गई है।
काबिले गौर है कि २०१६ में एण्णूर पोर्ट के निकट दो तेल वाहक जहाजों में हुई टक्कर के बाद समंदर में लाखों टन तेल का रिसाव हो गया था। इस वजह से नार्थ चेन्नई में बसे लोग खासे प्रभावित हुए थे। इससे समुद्री जीवराशि को भी खूब नुकसान पहुंचा था। इस पृष्ठभूमि में उक्त तेल रिसाव की घटना ने सभी को चिंतित कर दिया है।