एक और चक्रवात आने की स्थिति में सरकारी तैयारी पर सीएम ने कहा कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार राज्य को कोई क्षति नहीं पहुंचेगी। कई जिलों में भारी बरसात की संभावना व्यक्त की गई है। इसके लिए प्रशासन ने पूर्व तैयारी कर ली है।
बांध सुरक्षा बिल से जुड़े सवाल पर उनका जवाब था कि विरोध जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा गया है। हमारे सांसदों ने संसद में इस बिल की खिलाफत की है। हमने केंद्र सरकार को अवगत करा दिया है कि इस प्रस्तावित बिल से राज्य को बहुत नुकसान होगा।
केंद्र सरकार के रवैये को लेकर पूछे जाने पर पलनीस्वामी ने कहा कि जनता ने हमें चुना है। हम उनकी मांगों और अधिकारों के लिए केंद्र सरकार पर लगातार दबाव बनाते रहेंगे। हमें पूरी उम्मीद है कि हमारे प्रयास कामयाब होंगे।
मेकेडाटू बांध विवाद पर मुख्यमंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट व्यवस्था दी है कि कावेरी नदी तट पर कोई भी निर्माण कार्य होता है तो पक्षकार राज्यों की सहमति अवश्य ली जाए। हमारा अनुरोध है कि सभी राज्य सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करे। जहां तक अन्य राज्यों के साथ जल विवाद का सवाल है पचास सालों से यही स्थिति है।
डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को सीएम ने झुठलाया। उन्होंने कहा वे झूठ बोल रहे हैं। पहले स्टालिन ने सरकार गिराने की कोशिश की। फिर पार्टी तोडऩे का प्रयास हुआ। जब कोई बात नहीं बनी तो नाहक भ्रष्टाचार के आरोप लगाने शुरू कर दिए।
दल-बदलने के सवाल पर उनकी प्रतिक्रिया थी कि कौन छोड़कर गया है? कुछ स्वार्थी नेताओं ने पाला बदला है। असली कार्यकर्ता पार्टी के साथ हैं। जयललिता के रहते फायदा उठाने वाले लोग इस संगठन के साथ गद्दारी करते हुए बाहर जा रहे हैं। असली विश्वासपात्र और निष्ठावान कार्यकर्ता एआईएडीएमके में बने हुए हैं।
एआईएडीएमके को डूबता जहाज कहने वाले सेंथिल बालाजी के बयान को पलनीस्वामी ने मजाकिया बताया। वे १९९६ में डीएमके थे। फिर एआईएडीएमके से पार्षद बने और सत्ता सुख भोगने के बाद पार्टी का साथ छोड़ दिया।