यात्रियों की जुबानी…
दुविधा में रहते हैं यात्री
यहां बसें खड़े करने का स्थान निश्चित नहीं है इसलिए हम अपने बच्चों को लेकर प्रस्थान द्वार पर ही खड़े रहकर इंतजार करते हैं। क्या पता बस यहां से निकल जाए और हम इंतजार करते ही रह जाएं।
जयंती नागराजन, महिला यात्री, सिरुसेरी
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बैंचें भी बैठने लायक नहीं
टर्मिनस के चारों प्लेटफार्म वर्षों से टूटे हुए हैं जिनमें से बारिश में पानी टपकता है। इसमें प्लेटफाम्र्स के बीच लगी सभी बेंचें भी जर्जरित हो चुकी हैं जिससे बैठने के लायक नहीं हैं।
आर. चंद्रन, यात्री, कंदनचावड़ी
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गड्ढे आवागमन में बाधक
टर्मिनस का क्षेत्र नीचा होने के कारण बारिश में इसमें पानी भर जाता है। इससे इसमें पड़े गड्ढों से बसों का आवागमन बाधित होता है। विभाग को कई बार शिकायत दर्ज करा दी है, लेकिन इसकी मरम्मत की व्यवस्था नहीं की जा रही है।
एमटीसी अधिकारी, तिरुवान्म्यूर
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दुविधा में रहते हैं यात्री
यहां बसें खड़े करने का स्थान निश्चित नहीं है इसलिए हम अपने बच्चों को लेकर प्रस्थान द्वार पर ही खड़े रहकर इंतजार करते हैं। क्या पता बस यहां से निकल जाए और हम इंतजार करते ही रह जाएं।
जयंती नागराजन, महिला यात्री, सिरुसेरी
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बैंचें भी बैठने लायक नहीं
टर्मिनस के चारों प्लेटफार्म वर्षों से टूटे हुए हैं जिनमें से बारिश में पानी टपकता है। इसमें प्लेटफाम्र्स के बीच लगी सभी बेंचें भी जर्जरित हो चुकी हैं जिससे बैठने के लायक नहीं हैं।
आर. चंद्रन, यात्री, कंदनचावड़ी
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गड्ढे आवागमन में बाधक
टर्मिनस का क्षेत्र नीचा होने के कारण बारिश में इसमें पानी भर जाता है। इससे इसमें पड़े गड्ढों से बसों का आवागमन बाधित होता है। विभाग को कई बार शिकायत दर्ज करा दी है, लेकिन इसकी मरम्मत की व्यवस्था नहीं की जा रही है।
एमटीसी अधिकारी, तिरुवान्म्यूर
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