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मुनि गुणहंस विजय की निश्रा में हुआ संयम अभिलाषा कार्यक्रम

locationचेन्नईPublished: Oct 20, 2018 09:09:26 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

मुनि गुणहंस विजय की निश्रा में हुआ संयम अभिलाषा कार्यक्रम

Muni gunhans vikay

Muni gunhans vikay

नेल्लोर. शहर के आचारी स्ट्रीट स्थित मुनि सुव्रतस्वामी भैरूं जैन मदिर में मुनि गुणहंस विजय की निश्रा में संयम अभिलाषा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान कार्यक्रम में 9-९ बालक-बालिकाओं ने भाग लिया। बच्चों को संयम देने या नहीं देने पर आपकी अदालत के मंच का रूप दिया। इसमें किशोर कुमार ने न्यायाधीश और अभिषेक जैन ने विपक्ष के वकील और बिट्टूने पक्ष के वकील का किरदार निभाया। क्या बच्चों को संयम जीवन पर चलना चाहिए इस पर सवाल और जवाब शुरू हुए। आज संसार में इसने आधुनिक उपकरण आ गए है फिर भी क्या मनुष्य खुश है और वहीं एक जैन मुनि से पूछो कि क्या वे संयम जीवन में खुश हैं तो शायद उनकी खुशी का पार नहीं होगा।

संत व साधुता का सार है संयम व शांति
वेलूर. यहां स्थित शांति भवन में विराजित ज्ञानमुनि ने कहा नौ दिवसीय नवपद की आराधना पर्व के अवसर पर साधु-भगवंतों को याद करने, श्रमण व वंदन करते हैं। साधु कहावन काफी कठिन है। ज्ञान दर्शन से भरपूर, संयम व तपस्या में लीन एवं 27 गुणों से युक्त ही साधु व संत होते हैं। संत व साधुता का सार है संयम एवं शांति। साधु उसी को कहते हैं जो लेना छोड़कर सिर्फ देना ही जानते हैं। जिनमें शांति, सहनशीलता, सौम्यता, संयम, ज्ञानी एवं न कोई आशा रखे व न कोई मोह वही साधु व संत होते हैं। ज्ञान के सिवा कोई कार्य न करे और 24 घंटे में 12 घंटे तक मौन रहे। हजार गालियां सुनकर भी शांत रहे। कुछ नहीं मिले तो भी ठीक, पकवान मिले तो भी ठीक, रूखा-सूखा मिले भी तो ठीक वही संत हैं। रूठे हुए को मनाते हैं, टूटे हुए को जोड़ते हैं, झगडे को बढ़ाने के बदले मिटाने व फालतू की पंचायत में नहीं पड़ते, साधुवाद वाणी बरसाने वाले संत कहलाते हैं। साधुगण रूखा-सूखा खाकर, तपस्या करते हैं जिनका माथा, ललाट एवं चेहरा हमेशा चमकता रहता है, ऐसे संतों के सान्निध्य में रहने वाले श्रद्धालुओं की बीमारियां भी भाग जाती है। संतों की प्रवचनों को श्रद्धापूर्वक सुनें व अमल करें और उनके बताए धर्म के मार्ग पर चलें। मनुष्य को अंत्यत दुर्लभ मानव जीवन मिला है जिसका उपयोग दान और सद्भाव में करें। संचालन संघ मंत्री धर्मचन्द छोरलिया ने किया। रविवार को आचार्य भूधर का जन्म एवं स्मृति दिवस मनाया जाएगा।

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