यह छापेमारी साल 2016 में तमिलनाडु में गुटखा स्कैम का हिस्सा माना जा रहा है। स्कैम में तमिलनाडु के कई आला अधिकारियों और मंत्रियों के नाम भी सामने आए थे। इस मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ और राज्य के पुलिस अधिकारियों के इसमें शामिल होने के आरोपों के चलते मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।
यह था मामला
यह घोटाला उस वक्त उजागर हुई थी जब आयकर विभाग ने गुटखा कारोबार से जुड़े कारोबारियों के गोदाम और दफ्तरों में छापेमारी की थी। गुटखा कारोबारियों पर 250 करोड़ के टैक्स की हेराफेरी के आरोप थे।
2013 में तमिलनाडु सरकार ने गुटखा को बैन कर दिया था। इसके बाद आरोप लगे थे कि गुटखा ब्रांड का निर्माण जारी रखने के एवज में बड़े पुलिस अफसरों और कई अन्य विभाग के अफसरों ने रिश्वत लिए थे। आरोप है कि रिश्वत लेकर साल 2014-2016 तक मार्केट में गुटखे की सप्लाई जारी रखी गई। साल 2017 में गुटखा कारोबारियों के घर पर छापेमारी के दौरान इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ था।
आयकर की छापेमारी
साल 2016 में आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोप में गुटखा कारोबारियों के घर पर छापेमारी की थी। जिसमें कारोबारी महादेव राव के घर से एक डायरी बरामद हुई थी, जिसमें सरकार और पुलिस महकमे के उन लोगों के नाम दर्ज थे जिन्होंने घूस लिया था।
इसी डायरी में स्वास्थ्य मंत्री विजयभास्कर और टीके राजेंद्रन के नाम भी लिखे थे। जांच में पता चला था कि गुटखा कारोबारी साल 2013 में बैन के बाद भी पान मसाला और तंबाकू से बने उत्पादों की बिक्री कर रहे थे। कारोबारी महादेव राव की कंपनी एमडीएम ब्रांड से गुटखा बेचती थी।