भाजपा इस बार तमिलनाडु में अपने बूते 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इस चुनावी मैदान में कोयम्बत्तूर भी शामिल है जहां से तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलै को मैदान में उतारा गया है। पार्टी का यह आत्मविश्वास अन्नामलै की एन मन, एन मक्कल (मेरी भूमि, मेरे लोग) पदयात्रा से उपजा है, जो काफी महत्वपूर्ण राजनीतिक यात्रा रही। प्रधानमंत्री मोदी करीब सात महीने तक चली इस यात्रा के समापन समारोह में शामिल हुए। यात्रा ने तमिलनाडु भाजपा और पूर्व आईपीएस अधिकारी की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। हालांकि रैलियों में उमड़ी उन्मादी भीड़ पार्टी के लिए वोटों में कितनी तब्दील होगी, यह देखना बाकी है।
पदयात्रा ने अन्नामलै को भ्रष्टाचार और वंशवादी राजनीति के खिलाफ लड़ने वाले बड़े संभावनाशील नेता के रूप में पेश किया है। उन्होंने राज्य संचालित दुग्ध सहकारी समिति आविन जैसे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर बार-बार द्रमुक पर निशाना साधा।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि कई सार्वजनिक मुद्दों पर सत्तारूढ़ दल की तीखी आलोचना, आक्रामक स्वभाव और लोगों के प्रति सौहार्दपूर्ण दृष्टिकोण ने उन्हें लोगों का प्रिय बना दिया है। खासकर उन लोगों का जो द्रमुक और अन्नाद्रमुक का विकल्प तलाश रहे थे। अन्नाद्रमुक या द्रमुक के विपरीत जो बारी-बारी से अपने प्रतिष्ठित नेताओं के दम पर राज्य की सत्ता में आते रहे हैं, भाजपा ने उन्हें दरकिनार कर अल्पसंख्यकों, मछुआरों, महिलाओं या अन्य वर्गों से पारंपरिक वोटबैंक को साधने की कोशिश की है। भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष एम चक्रवर्ती का कहना है कि अन्नामलै के अध्यक्ष बनने के बाद उनकी पार्टी का विस्तार हुआ और नए क्षेत्रों में पैठ बनाई गई।