उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार अपने इस इरादे की समीक्षा करे और तमिलनाडु विधानसभा की भावनाओं का सम्मान करे। तमिलों की भावनाओं को दर्शित करने वाले इन विधेयकों को खारिज किए जाने पर केंद्र सरकार के खिलाफ खण्डन प्रस्ताव लाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री एडपाड़ी पलनीस्वामी विधानसभा में यह प्रस्ताव लाएं।
भाकपा के प्रदेश सचिव मुत्तअरसन ने सवाल किया कि राज्य की भलाई के लिए केंद्र सरकार के साथ तालमेल बनाए रखने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री पलनीस्वामी अब क्या कहेंगे? भाकपा चाहती है कि सरकार राज्य को नीट से छूट दिलाने के अगले चरण के उपाय करें।
एएमएमके महासचिव टीटीवी दिनकरण ने विधानसभा के मौजूदा सत्र में ही नया बिल पेश कर नीट को समाप्त करने के कदम उठाए जाएं। तमिलनाडु के सांसदों को भी संसद में नीट से छूट को लेकर आवाज उठानी चाहिए।