अभिभावक-शिक्षक संघ समेत चार याचिकाएं इस सिलसिले में मद्रास हाईकोर्ट में दायर हुई थी कि उक्त दोनों बिलों को स्वीकार करने के केंद्र सरकार को निर्देश जारी किए जाएं।
इस याचिका पर शनिवार को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि राष्ट्रपति ने इन दोनों बिलों को ठुकरा दिया है। केंद्र सरकार की इस दलील के बाद न्यायालय ने दोनों बिल पारित किए जाने तथा निरस्तीकरण की तारीख सहित पूर्ण विवरण पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई १६ जुलाई को होगी।
पिछले ४ सालों से नीट से छूट को लेकर राज्य सरकार प्रयास कर रही है। राज्य में गहराते विरोध के बीच २०१७ में तमिलनाडु विधानसभा Tamilnadu Assembly सर्वसम्मति से दो बिल पारित कर राष्ट्रपति से मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय को भेजे गए।
शिक्षाविद् व तमिलनाडु अभिभावक-शिक्षक संघ के अध्यक्ष पिं्रस गजेंद्र बाबू Prince Gajendra Babu ने याचिका लगाई थी कि २०१७-१८ अकादमिक सत्र में एमबीबीएस व बीडीएस में विद्यार्थियों के दाखिले में नीट की अनिवार्यता को समाप्त करने के निर्देश उक्त बिलों के आधार पर जारी किए जाएं।
न्यायाधीश मणिकुमार व सुब्रमण्यम की न्यायिक पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने गृह मंत्रालय द्वारा इन बिलों की प्राप्ति तथा इनको रोके जाने की बात कही। न्यायिक पीठ ने सफाई मांगी कि क्या बिलों को रोका गया है अथवा खारिज किया है। पीठ को अधिवक्ता ने गृह मंत्रालय के उप सचिव के हवाले से बताया कि इन बिलों को निरस्त कर दिया है।