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सेलम-चेन्नई एक्सप्रेस ट्रेन में सेंधमारी के मास्टरमाइंड सहित पांच गिरफ्त में

locationचेन्नईPublished: Oct 31, 2018 02:46:48 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

दो साल पहले सेलम-चेन्नई एगमोर एक्सप्रेस के पार्सल वैन में हुई डकैती के मास्टरमाइंड समेत पांच जनों को गिरफ्तार किया गया। -सीबी-सीआईडी पुलिस की कार्रवाई

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सेलम-चेन्नई एक्सप्रेस ट्रेन में सेंधमारी के मास्टरमाइंड सहित पांच गिरफ्त में

चेन्नई. करीब २६ माह बाद सीबी-सीआईडी पुलिस ने सेलम-चेन्नई एगमोर एक्सप्रेस के पार्सल वैन में सेंधमारी कर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के खजाने में से ५.७८ करोड़ रुपए चोरी के मामले के मास्टरमाइंड सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है। सीबी-सीआईडी पुलिस ने मंगलवार सुबह पांचों आरोपियों को सईदापेट मजिस्टे्रट कोर्ट में पेश किया। इससे पहले १३ अक्टूबर को मामले में २ डकैतों दिनेश (३८) और रोहन (२९) को गिरफ्तार करने में पुलिस को कामयाबी मिली थी। यह डकैत मध्यप्रदेश के मोहर सिंह गिरोह के बताए गए हैं। गिरफ्तार आरोपियों में एच मोहरसिंह, रूसी पारडी, कालिया उर्फ कृष्णा उर्फ काबू, महेश पारडी और बिलत्या उर्फ बृजमोहन शामिल हैं। इनमें चार आरोपी मध्य प्रदेश के गुना केन्द्रीय जेल और एक अशोक नगर जेल में बंद थे। पांचों आरोपियों को पीटी ट्रांजिट पर चेन्नई लाया गया और सईदापेट मजिस्टे्रट कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपियों को १४ दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
ज्ञातव्य है कि सीबी-सीआईडी को यह मामला ११ अगस्त २०१६ को एगमोर राजकीय रेलवे पुलिस से हस्तांतरित किया गया था। डकैती के राजफाश के लिए कई विशेष टीमों का गठन किया गया जिन्होंने देशभर में पड़ताल की। लाखों फोन कॉल खंगाले लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिला। बाद में नासा की सैटेलाइट में तस्वीरों के मदद से आरोपियों के बारे में सुराग मिला।
यह था पूरा मामला
सेेलम से चेन्नई के बीच चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेन की छत काटकर रिजर्व बैंक के 5.७8 करोड़ रुपए उड़ा लिए गए थे। धन की सुरक्षा के लिए नियुक्त पुलिस टीम बगल के ही कोच में थी, लेकिन उसे भनक तक नहीं लग पाई। सनसनीखेज चोरी की इस वारदात को आधी रात को अंजाम दिया गया था। आरबीआई ने पैसा ट्रांसपोर्ट करने के लिए ट्रेन का एक कोच बुक किया था। कोच में 226 बॉक्सों में 342 करोड़ रुपए थे। सुबह जब ट्रेन एगमोर रेलवे स्टेशन पहुंची तो इनमें से चार बक्से खुले हुए पाए गए। आरपीएफ और जीआरपी यह अंदाजा नहीं लगा सकी कि गैंग ने इतनी बड़ी चोरी को कैसे अंजाम दिया।
पूछताछ में सच आया सामने
पुलिस के अनुसार दोनों ने इकबालिया बयान में इस डकैती में मोहर सिंह गैंग की लिप्तता की बात मानी। उन्होंने बयान दिया कि ८ अगस्त २०१६ की रात उनके गिरोह के ५ सदस्यों ने टे्रन की छत पर सफर किया। चिन्नासेलम से विरुदाचलम रेल खण्ड के बीच पार्सल वैन की छत को काटकर दो जने कोच में उतरे। उन्होंने लकड़ी के संदूकों को काटा और लूंगी में नोटों के बण्डल भर लिए। विरुदाचलम स्टेशन पहुंचने पर पार्सल वैन की छत पर सवार उन लोगों ने ट्रेक के पास खड़े गैंग के अन्य साथियों को यह रकम थमा दी।
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