४० प्रतिशत सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिला डाक मतपत्र : जैक्टो जिओ
चेन्नईPublished: Apr 26, 2019 02:24:36 pm
चुनावी ड्यूटी पर लगे लोगों में
४० प्रतिशत सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिला डाक मतपत्र : जैक्टो जिओ
चेन्नई. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शत-प्रतिशत मतदान का लक्ष्य तो बनाया जाता है, लेकिन चुनावी ड्यूटी पर लगे सरकारी कर्मचारियों को मतदान का समय देने के लिए उचित कार्रवाई नहीं की जाती है। जैक्टो जिओ के पदाधिकारियों ने बताया कि राज्यभर में चुनाव के दौरान करीब ३.५ लाख सरकारी कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी पर लगाया गया था। उनमें से ४० प्रतिशत कर्मचारियों को डाक मतपत्र ही नहीं मिला।
इस मामले में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सत्यब्रत साहू के पास पहुंचने की कई बार कोशिश भी की गई, पर व्यर्थ रही। उन्होंने कहा नियम के अनुसार चुनावी ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को अधिकारियों द्वारा चुनावी ड्यूटी प्रमाणपत्र फार्म दिया जाना चाहिए जिससे वे संबंधित ड्यूटी केंद्रों पर अपना मतदान कर सकते हैं लेकिन बहुत सारे सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि ड्यूटी के दौरान उनको ऐसा कुछ नहीं दिया गया। जैक्टो-जिओ के समन्वयक के. संपत कुमार, जो चेन्नई नार्थ संसदीय क्षेत्र के २९३ सी. कल्याणपुरम मतदान केंद्र में ड्यूटी पर थे, ने आरोप लगाया कि जानबूझ कर ऐसा किया गया है। चुनावी ड्यूटी पर लगे पांच कर्मचारियों में से एक को भी मतदान करने का मौका नहीं मिला। इसी प्रकार राज्यभर के मतदान केंद्रों में तैनात सरकारी कर्मचारियों के साथ भी यही हुआ। उन्होंने कहा कि ऐसा सिर्फ राजनीतिक उद्देश्य से किया गया है।
राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी एआईएडीएमके ने पहले ही चुनाव आयोग से सरकारी कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी पर नहीं लगाने का आग्रह किया था, क्योंकि पार्टी को अच्छी तरह पता था कि सरकारी कर्मचारियों का वोट उसके खिलाफ ही जाएगा। ऐसे में हमें पूरा यकीन है कि राज्य सरकार की वजह से ही सरकारी कर्मचारियों में मतपत्रों का वितरण नहीं किया गया।
एक महिला शिक्षक ने कहा कि चुनावी ड्यूटी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए उनको बहुत मशक्कत करनी पड़ी। इसके लिए सब-कलक्टर के कार्यालय जाकर चार घंटे तक इंतजार भी किया। ऐसा जानबूझ कर किया गया ताकि सरकारी कर्मचारी और शिक्षक वोट न कर सकें।