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पंजाब में शहरी निकाय विभाग के काम को और चुस्त बनाने के लिए नया कदम,विधायक करेंगे अफसरों के काम की निगरानी

locationचंडीगढ़ पंजाबPublished: Jun 15, 2019 03:09:01 pm

Submitted by:

Prateek

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को शहरी क्षेत्रों में संतोषजनक समर्थन न मिलने पर मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने शहरी निकाय विभाग नवजोत सिद्धू से वापस लेने का ऐलान किया था…

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पंजाब में शहरी निकाय विभाग के काम को और चुस्त बनाने के लिए नया कदम,विधायक करेंगे अफसरों के काम की निगरानी

(चंडीगढ): पंजाब की कांग्रेस सरकार शहरी क्षेत्रों में पार्टी की लोकप्रियता में कमी को लेकर इतनी चिंतित है कि न केवल विभाग का मंत्री बदला गया बल्कि अब शहरी निकाय विभाग के अफसरों के कामकाज की निगरानी विधायकों को सौंप दी।

 

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को शहरी क्षेत्रों में संतोषजनक समर्थन न मिलने पर मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने शहरी निकाय विभाग नवजोत सिद्धू से वापस लेने का ऐलान किया था। इसके बाद मंत्रियों के विभाग बदले गए और सिद्धू के स्थान पर वरिष्ठ मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा को शहरी निकाय विभाग सौंपा गया।


इस बदलाव से असंतुष्ट सिद्धू ने न केवल अपने नए विभाग उर्जा विभाग का कार्यभार नहीं संभाला बल्कि विभाग बदले जाने को लेकर अपनी शिकायत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सौंप दी। अभी यह मसला पार्टी के स्तर पर हल किया जाना बाकी है।

 

शहरी निकाय विभाग के नए मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा अपने विभाग को चुस्त बनाने में जुटे हुए है। इस सिलसिले में पहले कदम के रूप में उन्होंने तय किया है कि विभाग के अफसरों के कामकाज के बारे में रिपोर्ट विधायकों से ली जायेगी। इसका मतलब है कि विधायक अफसरों के कामकाज पर नजर रखेंगे।

 

मोहिदरा ने इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए विधायकों के साथ बैठक की है। पहली बैठक जालंधर के विधायकों के साथ की गई। जालंधर के विधायक सुशील कुमार रिंकू, प्रगट सिंह, राजिंदर बेरी, सुरिंदर सिंह, अवतार सिंह जूनियर के अलावा जालंधर के सांसद चौधरी संतोख सिंह भी शामिल हुए। ऐसी बैठकें अमृतसर, लुधियाना, भटिंडा और पटियाला में भी आयोजित की जायेंगी।

 

मुख्यमंत्री को विधायकों से मिलने वाली रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि राजनीतिक रूप से विधायकों के जरिए विकास नहीं हुआ है। अब इस व्यवस्था के जरिए राजनीतिक नजरिए से विकास को अमल में लाया जाएगा। पिछले साल लागू की गई ऑनलाइन बिलडिंग प्लान मंजूरी प्रणाली पर अमल की समीक्षा की जायेगी।

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