scriptकांग्रेस ने भारत बंद किया, पंजाब में पार्टी की सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर कर नहीं घटाए | punjab government never decrease vat on petroleum products | Patrika News

कांग्रेस ने भारत बंद किया, पंजाब में पार्टी की सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर कर नहीं घटाए

locationचंडीगढ़ पंजाबPublished: Sep 11, 2018 09:26:11 pm

Submitted by:

Prateek

पंजाब में पेट्रोल और डीजल पर वेट,सरचार्ज और 48 फीसदी एक्साइज ड्यूटी शामिल है…

punjab cm

punjab cm

(चंडीगढ): कांग्रेस ने 21 अन्य विपक्षी दलों के सहयोग से सोमवार को पेट्रोल-डीजल के दामों में बेतहाशा बढोतरी समेत महंगाई के मुद्ये पर भारत बंद तो आहूत किया लेकिन पंजाब में कांग्रेस की सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर कर में कटौती नहीं की।

 

पंजाब में पेट्रोल और डीजल पर वेट,सरचार्ज और 48 फीसदी एक्साइज ड्यूटी शामिल है। एक्साइज ड्यूटी केन्द्र सरकार द्वारा राज्य को लौटाई जाती है। इस तरह पंजाब को पेट्रोल पर प्रति लीटर 27.85 रूपए और डीजल पर 10.41 रूपए प्रति लीटर मिलते है। देशभर में पंजाब में पेट्रोल पर वेट सबसे अधिक है। पंजाब के बाद महाराष्ट्र और आन्ध्रप्रदेश है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार पिछले साल पेट्रोल और डीजल पर प्राप्त राजस्व 5833 करोड रूपए था। पंजाब के लिए राजस्व का यह बडा स्रोत है। इस साल यह राजस्व 6000 करोड से अधिक होने की संभावना है।

 

राज्य सरकार पर समाज कल्याण,कृृषि,पुलिस,स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बडी जिम्मेदारी है और उसके संसाधन सीमित है। सरकार के अधिकारी कहते है कि आम आदमी का बोझ कम करने की इच्छा तो रही है लेकिन लाचारी हावी रही है। लेकिन विपक्षी भाजपा का कहना है कि सरकार घडियाली आंसू बहा रही है। वह करों में कटौती करना ही नहीं चाहती। पंजाब पेट्रोल पम्प डीलर एसोसिएशन का कहना है कि सरकार को अपने करों में कटौती करना चाहिए। पंजाब में पेट्रोलियम पदार्थों पर करों की दर क्षेत्र में सबसे अधिक है। इस कारण पंजाब में हरियाणा,राजस्थान,हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग इन राज्यों से सस्ता पेट्रोल व डीजल खरीदते है।

 

उधर पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने मीडिया को खुलासा किया है कि केन्द्र सरकार ने पिछले दो साल में नौ बार एक्साइज ड्यूटी लगाई है। इसमें से एक हिस्सा विशेष एक्साइज ड्यूटी के बतौर लगाया है। केन्द्र पेट्रोल पर प्रति लीटर 19.39 रूपए एकसाइज ड्यूटी लगाता है। इसमें आठ रूपए प्रति लीटर विशेष एक्साइज ड्यूटी है। इस तरह राज्यों को कम एक्साइज ड्यूटी छोडी गई है। केन्द्र को राज्यों पर करों में कटौती की जिम्मेदारी डालने से पहले अपनी एक्साइज ड्यूटी कम करना चाहिए। सबसे बेहतर तो यह है कि सभी तरह का ईंधन जीएसटी में लाया जाए।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो