इससे पहले भी गुरूग्रंथ साहिब के अपमान पर सजा आजीवन कारावास करने के लिए पंजाब विधानसभा में विधेयक पारित कराया गया था लेकिन इसे भारत सरकार ने मंजूरी नहीं दी थी। इसका कारण यह था कि विधेयक में सिर्फ गुरूग्रंथ साहिब के अपमान पर ही आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया था। इस बार अन्य धर्मों के धार्मिक ग्रंथों के अपमान पर भी आजीवन कारावास का प्रावधान शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां आयोजित केबिनेट बैठक में विभिन्न धार्मिक ग्रंथों के अपमान पर आजीवन कारावास की सजा के लिए भारतीय दण्ड संहिता की धारा 295 ए के साथ पंजाब संशोधन की धारा 295एए जोडने के लिए विधानसभा में विधेयक पेश करने को मंजूरी दी गई। केबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने पत्रकारों को बताया कि अनुसूचित जाति आरक्षण ग्रुप ए और बी की सेवाओं के लिए 14 फीसदी और ग्रुप सी एवं डी की सेवाओं के लिए 20 फीसदी तय करने के लिए भी विधेयक को मंजूरी दी गई है।
बादल ने बताया कि प्रदेश में उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता तय करने के लिए उच्च शिक्षा परिषद विधेयक भी पारित कराया जाएगा। केबिनेट ने इसको भी मंजूरी दे दी है। विधेयक पारित होने पर उच्च शिक्षा परिषद की स्थापना की जाएगी। पंजाब म्युनिसिपल इंफ्रास्ट्रक्टर फंड विधेयक को भी मंजूरी दी गई है। इससे फंड की अवधि 2021 से बढाकर 2037-38 तक की जाएगी। पंजाब नेता प्रतिपक्ष के वेतन-भत्ते और वाहन तथा ईंधन केबिनेट मंत्री के बराबर रखने का फैसला भी किया गया।