सरकार का ओदश पहले की तरह ही हो चालान
पंजाब के एडीजीपी ट्रैफिक के ऑफिस से सभी जिलों को आदेश जारी किए गए हैं। इसमें बताया गया है कि जब तक पंजाब सरकार कोई आदेश जारी नहीं करती तब तक नए मोटर व्हीकल एक्ट के आधार पर चालान न किए जाएं। किसी के द्धारा ट्रैफिक नियम तोडने पर पुराने एक्ट के तहत ही लोगों के चालान काटे जाएं। आखिर इस एक्ट में ऐसा क्या है, आपको बताते है…
इस एक्ट में यातायात नियम तोड़ने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। जिसके अनुसार ( Penalties According To Motor Vehicle Amendment Bill 2019 )
– हेलमेट के बिना वाहन चालने पर 3 माह के लिए लाइसेंस सस्पेंड होगा और 1000 रुपए का जुर्माना भी लगेगा।
– शराब का सेवन कर वाहन चलाते पकड़े जाने पर ’10 हजार’ रुपए का भारी जुर्माना।
– गलत तरीके से वाहन चलाने पर 5 हजार रुपए का जुर्माना।
– बगैर लाइसेंस व्हीकल चलाया तो 5,000 रुपए का चालान।
– स्पीड लिमिट क्रास करने पर 1,000 से 2 हजार रुपए तक का चालान।
– वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग करने पर 5,000 रुपए का चालान होगा।
एक्ट में जोड़े गए कुछ जरूरी नियम
– आपाताकालीन वाहन जैसे—एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड को साइड नही दी तो 10 हजार रुपए का चालान
– नाबालिग के ट्रैफिक नियम तोडे जाने पर 25 हजार रुपए का जुर्माना या 3 वर्ष की जेल
– ओवर लिमिट यात्री बैठाए तो 1 हजार रुपए प्रति यात्री के हिसाब से चालान भरना होगा।
एक्ट के पीछे केंद्र सरकार का तर्क
‘मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2019’ को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में पेश किया था। निम्न सदन के बाद राज्यसभा में पास होने पर यह एक्ट अस्तित्व में आया। आंकडों का अध्यन करने पर पता चला कि देश में हर वर्ष 5 लाख लोग सड़क हादसों की चपेट में आ जाते है। वहीं डेढ़ लाख लोगों की सड़क दुर्घटना में जान चली जाती है। केंद्र सरकार ने नया एक्ट बनाने के पीछे बड़ी वजह बताई कि ‘जनता भारी जुर्माना राशि के डर के चलते ट्रैफिक नियमों की पालना करेगी जिससे हादसों की संख्या में हो रहे इजाफे पर लगाम लगेगी।’
इन राज्यों में लागू नहीं किया गया एक्ट
MV Act-129/184(2) एक्ट देश के कई राज्यों में लागू नहीं हुआ है। मुख्यत: इसमें गैर भाजपा शासित राज्य शामिल है। मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान की सरकारों ने अपने अपने तर्कों के आधार पर ‘मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2019’ को लागू करने से मना कर दिया है। वहीं भाजपा शासित हिमाचल प्रदेश में एक्ट से संबंधित नोटिफिकेशन जारी नहीं होने की वजह से एक्ट लागू नहीं हो पाया।