कालेज टीचर एसोसिएशन ने सरकार के विरूद्ध मोर्चा खोला
इधर, भाजपा को चुनावी घोषणा पत्र का वादा याद दिलाने के लिए अब प्रदेश की कालेज टीचर एसोसिएशन ने सरकार के विरूद्ध मोर्चा खोल दिया है। एसोसिएशन के प्रधान राजबीरसिंह, महासचिव शैलेंद्र रंगा, वित्त सचिव डॉ.जयपाल ने शनिवार को यहां एक जानकारी में बताया कि भाजपा ने वर्ष 2014 के चुनाव के समय जारी किए संकल्प पत्र में एडिड स्कूलों एवं एडिड कालेजों के स्टाफ को टेकओवर करने का वादा किया था। इसमें से आधे वादे को पूरा करते हुए एडिड स्कूलों के स्टाफ को तो टेकओवर कर लिया गया, लेकिन ऐडिड कालेजों के स्टाफ को अभी तक टेकओवर नहीं किया गया है।
हरियाणा प्रदेश में 97 ऐडिड कालेज
प्रदेश में 97 ऐडिड कालेज हैं। इनमें करीब 2176 शिक्षक और 1184 गैर शिक्षक कर्मचारी कार्यरत हैं। इन कर्मचारियों को 95 प्रतिशत अनुदान सरकार द्वारा दिया जाता है और पांच प्रतिशत अनुदान प्रबंध समितियों की ओर से दिया जाता है। प्रदेश में बहुत से कालेज ऐसे भी हैं जहां प्रबंध समितियों द्वारा अपना हिस्सा नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियों को मेडिकल, सीसीएल, चिल्ड्रन एजुकेशन भत्ता, एक्सग्रेशिया, एलटीसी आदि लाभ नहीं मिलते हैं।
फाइनल पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करने के दिए थे निर्देश
मार्च माह के दौरान हरियाणा सरकार ने हरियाणा कालेज टीचर एसोसिएशन, प्रिंसीपल एसोसिएशन, कालेज-टीचर एसोसिएशन तथा हरियाणा प्राइवेट कालेज नॉन टीचिंग यूनियन आदि के सुझाव पर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को फाइनल पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे।
मामला वित्त विभाग में लम्बित
उच्च शिक्षा विभाग ने ऐडिड स्कूलों की तर्ज पर कालेजों को स्टाफ को भी टेकओवर करने की पॉलिसी बनाकर सरकार को सौंप दी, लेकिन यह मामला वित्त विभाग में लम्बित है। वित्त विभाग द्वारा इस पॉलिसी को मंजूरी नहीं दी जा रही है। एसोसिएशन प्रतिनिधियों ने बताया कि भाजपा सरकार ने इस मुद्दे को अपने वर्ष 2014 के संकल्प पत्र में शामिल किया था, लेकिन इसे अभी तक अमली रूप नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने अगर ऐडिड कालेजों के स्टाफ को टेकओवर नहीं किया तो वह संघर्ष के लिए मजबूर होंगे।