एसडीएम को जिन गांव को खाली करवाने का निर्देश मिला है, उनमें 38 गांव फिरोजपुर तहसील और 20 गांव जीरा तहसील से संबंधित हैं। अतिसंवेदनशील गांवों का डीसी और एसएसपी फिरोजपुर विवेक एस. सोनी ने पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के साथ दौरा किया। अधिकारियों को इन क्षेत्रों पर खास फोकस रखने के लिए कहा गया है।
इन गांवों में मन्नो माछी, गट्टा दलेल, जमाली वाला, चक मन्नो माछी, गट्टा बादशाह, गत्ती हरिके, फेटेवाला, घुरम, वर काली रौन, अरेजा साबरा, कमलवाला, फतेहगढ़ सबरां, अशीए के, तन्ना बग्गा, हमदवाला, कमला मिददू, दूलासिंहवाला, मस्तेके, गुरदिती वाला, कालेके हिथार, रुकनेवाला, गत्ती चक जदीद, कमलवाला, तल्ली गुलाम, पल्ला मेघा, जम्मा मेघा, गट्टी मटर, डोना मटर, कुतबद्दीनवाला, डोना राजा दीनानाथ, मेहमूद के मल हिथार, ठेठ घारा, बंडाला, अक्कूवाला, बाला मेघा, कालूवाला, गट्टी रहिमके, लंगियाना, डोना तेलुमल, किल्चा, दोना रहमत वाला, निहाले वाला, लमोचर, भांबा सिंह वाला, वीरां, निहाले वाला, हबीब के, अली औलख और किलचा शामिल हैं।
डीसी ने कहा कि सतलुज (SATLUJ RIVER) दरिया में पानी का जलस्तर बढऩे के कारण रविवार-सोमवार रात 3 बज कर 40 मिनट पर पानी पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हरीके में मौजूदा डाउनस्ट्रीम में मौजूदा जलस्तर 70,000 क्यूसिक है, जो देर रात तक डेढ़ लाख तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरा तैयार है। उन्होंने सभी एसडीएम, नहरी व सिंचाई विभाग के अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए हैं।
डीसी ने कहा कि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को जल्द से जल्द राहत केंद्रों तक पहुंचाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। अधिकारियों की बैठक में बताया कि पशुओं के राशन के लिए सूखे चारे का इंतजाम कर लिया गया है और अगर जरूरत पड़ी तो मंडियों को राहत केंद्रों में तब्दील किया जाएगा। उन्होंने सेहत विभाग के अधिकारियों को टीमें तैयार रखने और पावरकॉम को राहत केंद्रों में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं।
डीसी ने बताया कि जिला प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और फौज, एनडीआरएफ (NDRF)
व एसडीआरएफ (SDRF) के साथ लगातार संपर्क में है। उन्होंने बताया कि प्रशासन की तरफ से सतलुज ( SATLUJ) के जलस्तर और बाढ़ से संबंधित स्थिति पर निगरानी के लिए 24 घंटे काम करने वाला फ्लड कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जो पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। कंट्रोल रूम में 24 घंटे मुलाजिम अलग-अलग शिफ्टों में ड्यूटी कर रहे हैं और सतलुज के जलस्तर को लेकर लगातार रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।
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