स्पीकर के बाहर निकालने की व्यवस्था से पहले गठबंधन के सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की। इन सदस्यों का नेतृत्व अकाली दल विधायक दल के नेता सुखवीर बादल की गैर मौजूदगी में विक्रम मजीठिया ने किया। गठबंधन सदस्यों ने पाकिस्तान में सेना प्रमुख जनरल जावेद कमर बाजवा के साथ खींचे गए सिद्धू के फोटो भी लहराए। नारेबाजी के दौरान सिद्धू और मजीठिया के बीच जमकर नोंक-झोंक हुई। सिद्धू ने अपने आसन पर खडे होकर मजीठिया को कहा तू चोर और डाकू है। तू चिट्टा बेचने वाला है। सिद्धू की इन टिप्पणियों से भी मजीठिया का रूख नहीं बदला। इस पर स्पीकर ने कहा कि सदस्य नारेबाजी बंद कर आसन पर चले जाएं, वरना वे बाहर निकाल देंगे। सदस्य नहीं माने तो स्पीकर ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों को बाहर निकालने का आदेश दिया।
मजीठिया ने पत्रकारों को बताया कि स्पीकर ने उन्हें प्रशनकाल के बाद सिद्धू के बयान पर बोलने का आश्वासन दिया था। लेकिन एक ओर तो कांग्रेस सदस्य को पुलवामा हमले की निंदा के लिए प्रस्ताव लाने दिया गया और सदन ने सर्वसम्मति से इसे पारित भी किया लेकिन गठबंधन के सदस्यों को बोलने की अनुमति नहीं दी गई। सिद्धू ने पुलवामा हमले पर अपने बयान से पाकिस्तान सरकार को क्लीन चिट दी है। इसके खिलाफ सदन में हमें अपना रूख पेश करने की अनुमति मिलना चाहिए। सदन के अलावा विरोध व्यक्त करने का और कोई उपयुक्त स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि एक ओर तो कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल जावेद कमर बाजवा को सजा दी जाएगी और दूसरी ओर पाकिस्तान को हमले के लिए क्लीन चिट दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार और स्पीकर का यह दोहरा व्यवहार है।