मामले की जांच के बाद मुंशी के नाम नोटिस जारी हो गई। नोटिस मिलने के बाद मुंशी विनोद कुमार चौहान हैरान रह गया। वह इस मामले की जानकारी के लिए काफी प्रय़ास किया लेकिन विशाल के काले खेल की जानकारी उसे नहीं हो सकी। इस मामले में उसे जेल की हवा तक खानी पड़ गई। जेल से छूटने के बाद वो घर आया तो परेशान ही रहा की आखिर उसे जिस बात की जानकारी तक नहीं है उसमें वो जेल कैसे चला गया।
जेल से लौटने के बाद विनोद अपने स्तर पर जांच किया तो पता चला कि मालिक विशाल ने उसके नाम पर फर्जी फर्म बना रखी है। उसी फर्म से उसने एक करोड़ 12 लाख रूपये का घोटाला कर दिया है जिसमें फर्म के मालिक यानि मुंशी विनोद चौहान को जेल की हवा खानी पड़ी। आनन फानन में पीड़ित अपनी मां के साथ एसपी कार्यालय पहुंचा। एसपी से मामले की शिकायत की। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने सीओ को जांच का आदेश दिया। सीओ के नेतृत्व में जांच शुरू की गई।