रविवार को दिन में बहुजन समाज पार्टी के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन कर साधना सिंह का पुतला फूंका तो शाम को बसपा के वाराणसी मंडल के मुख्य जोनल इंचार्ज रामचन्द्र गौतम ने उनके खिलाफ चंदौली के बबुरी थाने में तहरीर देकर एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने की मांग की। तहरीर में लिखा गया है कि यह मायावती ही नहीं बल्कि पूरे दलित समाज की नारियों का अपमान है। कहा गया है कि इस बयान का मकसद बसपा सुप्रीमो को अपमानित करना था।
उधर रविवार की शाम होते-होते जब मामला बढ़ा तो बयान के बाद भूमिगत हुईं साधना सिंह का कथित तौर पर खेद जताने वाला पत्र सामने आ गया। यह पत्र उन्होंने मीडिया को बुलाकर जारी नहीं किया बल्कि सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें मायावती पर अमर्यादित टिप्पणी के लिये खेद जताते हुए सफाई दी गयी है कि उनके बयान के पीछे उन्हें अपमानित करने का इरादा नहीं था। बल्कि दो जून 1995 को गेस्ट हाउस कांड में मायावती जी को बीजेपी द्वारा की गयी मदद की याद दिलानी थी। इस पत्र में माफी के बजाय शब्दों से कष्ट पहुंचने पर खेद शब्द का इस्तेमाल किया गया है।
By Santosh jaiswal