बीजेपी के सहयोगी दल ने विधायक ने शीर्ष नेतृत्व पर लगाए मनमानी और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप।
नरेन्द्र मोदी अनुप्रिया पटेल
सोनभद्र . यूपी में बीजेपी की सहयोगी पार्टी में उसके हिस्से की सीट पर प्रत्याशी को लेकर बगावती तेवर देखने को मिल रहे हैं। पार्टी की ओर से घोषित प्रत्याशी का खुला विरोध किया जा रहा है। पार्टी के सत्ताधारी विधायक ने इसका खुला विरोध कर दिया है। उन्होंने शीर्ष नेतृत्व पर स्थानीय कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है।
अपना दल एस विधायक हरिराम चेरो ने किया है प्रत्याशी का विरोध IMAGE CREDIT: मामला यूपी के सोनभद्र जिले की रॉबर्ट्सगंज लोकसभा का है। यह सीट बीजेपी ने अपने सांसद छोटेलाल खरवार का टिकट काटकर सहयोगी दल अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल एस को दे दिया है। अपना दल एस ने इस सीट पर समाजवादी पार्टी से पूर्व सांसद रहे पकौड़ी लाल कोल को टिकट दिया है। पार्टी ने छह अप्रैल को ही अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर रॉबर्ट्सगंज सीट पर पकौड़ी लाल कोल के नाम का ऐलान कर दिया था।
पकौड़ी लाल कोल को अपना दल एस ने रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है IMAGE CREDIT: अब अपना दल एस के ही सोनभद्र की दुद्धी विधानसभा से विधायक हरिराम चेरो ने उनके प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि शीर्ष नेतृत्व पर मनमाना रवैया अपनाने के साथ ही स्थानीय कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया है। साथ ही यह भी जोड़ा है कि अपना दल एस के प्रत्याशी को जिताने के लिये कड़ी महनत करनी पड़ेगी। इसके साथ ही उन्होंने बाकी दलों पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि सभी पार्टियों ने रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर मिर्जापुर के प्रत्याशी उतारे हैं।
अनुप्रिया पटेल 2019 में भी मिर्जापुर लोकसभा सीट से लड़ रही हैं चुनाव IMAGE CREDIT: जानिये कौन हैं पकौड़ी लाल कोल मिर्जापुर जिले के पटेहरा गांव के रहने वाले पूर्व सांसद पकौड़ी लाल कोल 1994 में मिर्जापुर-रॉबर्ट्सगंज (सु) लोकसभा से चुनाव लड़े और 68790 वोट पाया। 1998 में समाजवादी पार्टी टिकट देने का आश्वासन देकर मुकर गयी और भगवती चौधरी को उतारा। तब पकौड़ी लाल कोल अपना दल के टिकट पर लड़े और 96680 वोट पाकर हार गए। 2002 में वह मिर्जापुर आ गए और यहां की छानबे विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीते। 2004 में लोकसभा मध्यावधि चुनाव में बसपा भी उन्हें वादा करने के बावजूद उन्हें टिकट नहीं दिया तो उन्होंने नाराज होकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। 2009 में सपा ने उन्हें टिकट दिया और वो रॉबर्ट्सगंज से सांसद बने। उन्होंने बसपा प्रत्याशी रामचन्द्र त्यागी को 53 हजार वोटों से हराया।