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ड्राइवरलेस कार आने पर इस मुसीबत से मिलेगा छुटकारा, लेकिन फिर भी परेशान होंगे सफर करने वाले

locationनई दिल्लीPublished: Feb 05, 2019 10:54:35 am

Submitted by:

Pragati Bajpai

स्टडी के मुताबिक, क्रूजिंग प्रॉब्लम सेल्फ ड्राइविंग कारों की एक छोटी सी समस्या है। सबसे बड़ी दिक्कत इसकी सेफ्टी को लेकर है।

driverless car

ड्राइवरलेस कार आने पर इस मुसीबत से मिलेगा छुटकारा, लेकिन फिर भी परेशान होंगे सफर करने वाले

नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कई कार कंपनियां आजकल ड्राइवरलेस (सेल्फ ड्राइविंग कार) कार की टेस्टिंग कर रही है। लेकिन इन सबके बीच कैलीफोर्निया यूनीवर्सिटी के रिसर्च में यह बात सामने आई कि सड़कों पर ड्राइवरलेस कार के आने से पार्किंग की समस्या से तो छुटकारा मिल जाएगा लेकिन यात्रा का समय दोगुना तक बढ़ जाएगा। दरअसल लोग पार्किंग में लगाने की बजाय कार को क्रूज मोड (घूमने वाले मोड) में डाल सकते हैं।

खर्च कम करने के लिए लोग करेंगे ये काम-

कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के ट्रांसपोर्ट प्लानर प्रो. एडम मिलार्ड ने अपने एक बयान में कहा जब आप अगर बिजली खर्च, टूट-फूट, कीमत कम होना, मेंटेनेंस और कार के चलने के प्रति घंटे का खर्च निकालेंगे तो यह छोटे शहर की पार्किंग लागत से भी काफी कम होगा जो करीब 50 सेंट प्रति घंटा (करीब 32 रुपए) आता है। पार्किंग के इसी खर्च को बचाने के लिए लोग अपनी कारों को ज्यादातर क्रूज मोड पर रखेंगे।

मिलार्ड ने कहा कि सेल्फ ड्राइविंग कार पार्किंग में खड़ी न होकर चारों ओर घूमती रहे, तो इससे पार्किंग खर्च में बचत होगी, लिहाजा लोगों का झुकाव इसी तरफ होगा। लेकिन इसकी वजह से एक बहुत बड़ी समस्या सामने आएगी क्योंकि कारें पार्किंग में खड़े होने की बजाय कार कम स्पीड में सड़क पर घूमती रहेगी तो इससे ट्रैफिक पर दबाव बढ़ेगा और अन्य वाहनों को निकलने में समस्या का सामना करना पड़ेगा और यात्रा का समय भी बढ़ जाएगा।

मिलार्ड ने इस समस्या का समाधान भी बताया। उनके अनुसार शहर के भीड़भाड़ और व्यस्त इलाकों के लिए चार्जिंग मॉडल अपना सकते हैं। इसमें वाहनों के व्यस्त और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए भुगतान करना होगा।

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सेफ्टी होगी बड़ा सवाल-

स्टडी के मुताबिक, क्रूजिंग प्रॉब्लम सेल्फ ड्राइविंग कारों की एक छोटी सी समस्या है। सबसे बड़ी दिक्कत इसकी सेफ्टी को लेकर है। कार ऑटोनॉमस (स्वचालित) मॉडल पर आधारित है जो कभी भी सड़क से अपना ध्यान हटा सकती है, जिससे एक्सीडेंट होने की आशंका बढ़ जाती है।

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