आज के समय में कार ऑटोमैटिक फीचर्स के साथ आती हैं, जिसमें ईसीएम मशीन दी गई होती है। अब कार में कुछ भी खराबी आती है तो उसकी वार्निंग डैशबोर्ड पर आने लग जाती है। कार में बहुत सारे फंक्शन्स दिए गए होते हैं जो कि अगर काम न करें या खराब हो जाएं तो कार चलाने वाले और उसमें बैठे लोगों को परेशान हो सकती है।
कार में आई खराबियों को कंप्यूटर द्वारा ही पता लगाया जाता है, कि कौन सा फंक्शन काम नहीं कर रहा और क्या चीज की जरूरत है। इंश्ट्रूमैंट क्लस्टर और डैशबोर्ड में ऐसी जानकारी दी गई होती हैं। आज के समय में इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर और डैशबोर्ड में वार्निंग लाइट्स जलती हैं। वार्निंग लाइट्स पीले रंग की होती है या फिर लाल रंग की होती है।
ये लाइट्स करती हैं इस ओर इशारा…
पीली वार्निंग लाइट्स छोटी मोटी गड़बड़ पर जलती है।
रेड वार्निंग लाइट्स गंभीर दिक्कत पर जलती है।
हरी या नीली लाइट्स का मतबल है कि सिस्टम ठीक से काम कर रहा है।
ब्रेक सिस्टम लाइट हैंडब्रेक लगे होने पर या ब्रेक आयल न होने पर जलती है।
चेक इंजन और मॉलफंक्शन इंडीकेटर लाइट इंजन के लिए जलती है।
ऑयल प्रेशर लो वार्निंग लाइट आयल का प्रेशर सही नहीं होने पर जलती है।
चार्जिंग सिस्टम लाइट चार्जिंग सिस्टम ठीक से काम न करने पर जलती है।
हाई इंजन कूलेंट टैंप्रेचर वार्निंग लाइट इंजन ओवरहीट होने पर जलती है।
एयरबैग वार्निंग लाइट एयर बैग सिस्टम में कुछ कमी होने पर जलती है।
एबीएस लाइट इस सिस्टम के खराब होने पर जलती है।
इलेक्ट्रिक पावर स्टीयरिंग लाइट ईपीएस सिस्टम खराब होने पर जलती है।
फ्यूल फिल्टर वार्निंग लाइट पानी आने पर जलती है।
ऑपन डोर वार्निंग लाइट खुले दरवाजे का संकेत देती है।
ड्राइवर सीट बेल्ट रिमाइंडर लाइट सीट बेल्ट न पहनने पर जलती है।
लो टायर प्रेशर वार्निंग लाइट हवा कम होने पर जलती है।
सर्विस ड्यू लाइट सर्विस की ओर इशारा करती है।
लो फ्यूल वार्निंग लाइट ईंधन कम होने पर जलती है।