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प्रतापगढ़

देखे शहर की बावडिय़ो के हाल…

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6 years ago
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-मामाजी की बावड़ी शहर के बस स्टेंड के पास वर्षों पुरानी मामाजी की बावड़ी जिसका नगर परिषद की ओर से 0.86 लाख रुपए की स्वीकृत राशि से सफाई, गहरीकरण एवं मरम्मत कार्य किया गया था। लेकिन अब हालात यह है की समय पर सफाई नहीं होने के कारण बावड़ी डम्पिंग यार्ड बनती जा रही है। नगर परिषद की ओर से यहां ‘जागो आज जल के लिए बचाओ उसे कल के लिए’, स्लोगन भी लिखा हुआ है। लेकिन फिर भी सफाई के अभाव में बावड़ी के अन्दर का पानी भी इतना गंदा हो रहा है। जो पीने योग्य नहीं है। वहीं बावड़ी की सीढिय़ों पर भी कचरा फैला हुआ। जिसे देख लगता है यहां लम्बे समय से इस बावड़ी की सफाई नहीं हुई हो।

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-दीपेश्वर महादेव बावड़ी शहर के प्राचीन मंदिर दीपेश्वर महादेव मंदिर पर भी छोटी-छोटी दो बावडिय़ां बनी हुई हंै। इन बावडिय़ों का भी नगर परिषद की ओर से साफ-सफाई करवाई गई थी। इन बावडिय़ों का पानी पीने के उपयोग में भी लिया जा रहा है। इन में से एक बावड़ी पर हैंडपम्प भी लगा हुआ है। इस पानी से शिवजी का अभिषेक किया जाता है और लोग इसका पानी पेयजल के रूप में लेते हैं।

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-दीपेश्वर महादेव बावड़ी शहर के प्राचीन मंदिर दीपेश्वर महादेव मंदिर पर भी छोटी-छोटी दो बावडिय़ां बनी हुई हंै। इन बावडिय़ों का भी नगर परिषद की ओर से साफ-सफाई करवाई गई थी। इन बावडिय़ों का पानी पीने के उपयोग में भी लिया जा रहा है। इन में से एक बावड़ी पर हैंडपम्प भी लगा हुआ है। इस पानी से शिवजी का अभिषेक किया जाता है और लोग इसका पानी पेयजल के रूप में लेते हैं।

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-चैनकुंड बावड़ी शहर के कृषि मंडी के पीछे स्थित चैनकुंड महादेव पर बनी बावड़ी की स्थिति अच्छी मिली। इस बावड़ी व यहां स्थित कुएं पर भी नगर परिषद की ओर से पिछले वर्ष सफाई कार्य करवाया गया था। इस बावड़ी के पानी का उपयोग भी आस-पास के लोग पीने में ले रहे हैं।

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-रामद्वारा बावड़ी शहर के कॉलेज रोड स्थित रामद्वारा पर बनी बावड़ी को भी नगर परिषद ने सफाई करवाई थी। जिसके बाद आज तक बावड़ी में तो सफाई है, इस बावड़ी का लोग पीने के पानी में भी उपयोग कर रहे है। लेकिन बावड़ी की सीढिय़ों पर गंदगी फैली हुई है। वहीं यहां सीढिय़ों पर पूजन के बाद निकली सामग्री पड़ी दिखाई दी, जो शायद बावड़ी में प्रवेश करने के लिए थी।

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-अहिंसा नगर कुआं शहर के अहिंसा नगर में बने वर्षों पुराने कुए जो शहर का सबसे बड़ा कुआं है। इस कुएं का भी नगर परिषद की ओर से जीर्णोद्धार एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य 2015 में किया गया। इस कुएं पर भी नगरपरिषद की ओर से जाली लगा रखी है, इसका पानी भी जनता पीने में उपयोग ले रही है।

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-राजराजेश्वरी मंदिर कुआं राजराजेश्वरी मंदिर के पीछे बने कुएं को भी पिछले वर्ष तक शहर की जनता इसे कचरा पात्र के रूप में उपयोग कर रही थी। लेकिन नगर परिषद की ओर से इसकी भी पिछले वर्ष साफ-सफाई करवाई गई। जिसके बाद आज इस कुएं में साफ स्वच्छ पानी नजर आ रहा है।

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-केशवरायजी की बावड़ी शहर के कॉलेज रोड़ स्थित रामद्वारे के पास बनी बावड़ी के सामने बनी एक ओर बावड़ी केशवरायजी की बावड़ी ‘अंधेरा कुआं’ भी कहा जाता है। इसके हालात भी ठीक मिले। हालांकि पास में नाला होने के कारण यहां थोड़ी गंदगी फैली हुई थी, वहीं बावड़ी का पानी भी उपयोग में लिया जा रहा है।

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-धाईजी की बावड़ी शहर के झंडा गली स्थित चम्पनाथ महादेव मंदिर पर बनी धाईजी की बावड़ी की भी पिछले वर्ष सफाई करवाई गई थी। इस बावड़ी की सफाई भी मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी की ओर से सफाई करवाई गई थी। अब इस बावड़ी के हालात तो वैसे ही है। लेकिन यहां भी थोड़ी बहुत सीढिय़ों पर गंदगी देखने को मिली। लेकिन लोग इस बावड़ी का पानी भी पीने में उपयोग ले रहे हैं।

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-मदारचिल्ला बावड़ी मदारचिल्ला बावड़ी यह बावड़ी शहर के इंदिरा कॉलोनी स्थित दरगाह के पीछे है। जो अब ध्वस्त हो चुकी है।कई वर्षों पुरानी बावड़ी जो देख-रेख के अभाव में खत्म हो गई है। यहां का हाल यह है बावड़ी की सीढिय़ां तो हंै। लेकिन बावड़ी के पास से निकल रहा नाला उसमें परिवर्तन हो गई है। वहीं आस-पास कई कंढीली झाडिय़ां फैल रही है।

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-औंकारेश्वर महादेव बावड़ी शहर के एमजी रोड समता छविग्रह के सामने स्थित औंकारेश्वर महादेव बावड़ी को भी नगर परिषद की ओर से पिछले वर्ष साफ-सफाई करवाई गई थी। वहीं यह बावड़ी निजी स्थान पर होने के कारण बिल्कुल साफ मिली। यहां का पानी भी पीने योग्य है।

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-नृसिंह घाट के सामने बनी बावड़ी शहर के इंदिरा कॉलोनी स्थित नृसिंह घाट मंदिर पर बनी बावड़ी के सामने बनी एक ओर बावड़ी जिसकी नगरपरिषद साफ-सफाई कराना भूल गई हो। पत्रिका ने जब इस बावड़ी के हालात देखे तो पुुरी बावड़ी में गंदगी कंटीली झाडिय़ां फैली हुई थी। जो अपना अस्तित्व खोते हुए दिखाई दे रही थी।

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-नृसिंह घाट मंदिर बावड़ी शहर के इंदिरा कॉलोनी स्थित नृसिंह घाट मंदिर पर बनी वर्षों पुरानी बावड़ी का भी नगर परिषद की ओर से मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन अभियान की ओर से 0.80 लाख रुपए की लागत से बावड़ी की सफाई, गहरीकरण एवं मरम्मत कार्य किए थे। पिछले वर्ष सफाई होने के बाद से बावड़ी में साफ-सफाई दिखाई दी। यहां का पानी भी पीने योग्य था।

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-उस्तादजी की बावड़ी मंडी रोड स्थित उस्तादजी की बावड़ी पर भी नगर परिषद ने लोहे की जाली व हैंडपंप लगाया था। अब बावड़ी की नियमित सफाई नहीं होने के कारण बावड़ी में गंदगी फैल रही है। हालांकि बावड़ी पर लोहे की जाली लगी हुई है लेकिन जाली इतनी बड़ी है कि कचरा उसमें चला जाता है। जिसके कारण बावड़ी में कचरा फैलता जा रहा है। वहीं बावड़ी से लोग पानी पीने के लिए भी उपयोग में ले रहे हंै।

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-नानाजी की बावड़ी शहर के अम्बेडकर सर्कल से कृषि मंडी रोड पर बनी नानाजी की बावड़ी को भी लोहे की जाली से ढक रखा है। यहां इस बावड़ी पर भी सफाई देखने को मिली।

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