scriptफीस के नाम पर लूट स्वीकार नहीं करेंगे: कालीचरण सराफ  | Will not allow educational institutes to loot in name of fees : Kali Charan Saraf | Patrika News

फीस के नाम पर लूट स्वीकार नहीं करेंगे: कालीचरण सराफ 

Published: Apr 16, 2016 11:04:00 pm

संस्थाओं के गलत कामों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। फीस के नाम पर लूट नहीं सहन की जाएगी

Kalicharan Saraf

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जयपुर। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा है कि हमें शिक्षा, शिक्षण और छात्र हितों पर विशेष ध्यान देना होगा। तभी हम बेहतर शिक्षा दे सकते हैं। शनिवार को राजस्थान पत्रिका की ओर से केसरगढ़ मुख्यालय पर टॉक शो – इंटरनेशनल एजुकेशन एंड करियर फेयर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ, राजस्थान विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर जेपी सिंघल और प्रदेशभर के प्राइवेट तकनीकी शिक्षण संस्थानों, प्राइवेट व सरकारी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के बीच आमने-सामने संवाद हुआ। इसमें सभी प्रतिनिधियों ने शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न समस्याओं व सुझावों से उच्च शिक्षा मंत्री को अवगत कराया व इनके समाधान व अमल के लिए अनुरोध किया।

ज्यादातर शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने इंजीनियरिंग कॉलजों में सभी सीटें न भरने, फीस की समस्या और हायर एजूकेशन के प्रमोशन संबंधी समस्याओं से अवगत कराया। संस्थाओं ने कहा कि उन्हें स्वायत्तता प्रदान की जानी चाहिए, जिससे वे खुलकर काम कर सकें। शिक्षाविद संदीप बक्शी ने कहा कि सरकार को शैक्षिक डॉक्यूमेंट्स के लिए ऑनलाइन बैंक बनानी चाहिए ताकि सभी शिक्षण संस्थाओं का डाटा एक जगह पर आसानी से उपलब्ध हो सके। पूर्णीमा समूह की ओर से सरकार को सुझाव दिया गया कि सभी प्राइवेट व सरकारी शिक्षण संस्थाओं का पाठ्यक्रम एक समान होना चाहिए। राजस्थान के बच्चे पढ़ाई करने के दूसरे शहरों में पलायन कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए सरकार को राज्य में जॉब उपलब्ध कराने पर बल देना चाहिए।

आर्या ग्रुप के अरविंद अग्रवाल ने कहा कि हमें छात्र हित में काम करना चाहिए, टीचर्स को अपग्रेड करने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि लैब टीचिंग पूरी तरह से समाप्त होती जा रही है। हमें इसकी गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा। उन्होंने आरयू के वीसी जेपी सिंघल से कहा कि हमें 120 दिन पढ़ाई कराने के लिए एकेडमिक कलेंडर दिया जाए। जिससे हम ज्याद दिन तक पढ़ाई करा सकें। प्रतिनिधियों ने सराफ को सुझाव दिया कि सरकार को राज्य के शिक्षण संस्थानों को प्रमोट करने के लिए दूसरे राज्यों में भी विज्ञापन देना चाहिए, जिससे सीटें खाली रहने की समस्या का समाधान हो सकेगा।

इस टॉक शो में आरयू के वीसी ने कहा कि एडवांस शिक्षा के लिए नए कोर्स शुरू किए जाएंगे व शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा। कॉलेजों की एफीलेशन से जुड़ी समस्या का समाधान किया जाएगा। वीसी से शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधियों से कहा कि उन्हें शिक्षा को व्यवसाय न बनाकर सेवा भाव से काम करना चाहिए। टीचरों की योग्यता पर ध्यान देना चाहिए व पारदर्शिता के लिए उनसे जुड़ी सभी जानकारियां वेब साइट पर डाली जानी चाहिए।

कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ ने सभी संस्थाओं की समस्याओं व सुझावों को ध्यान से सुना। उन्होंने स्वायतत्ता पर कहा कि शिक्षण संस्थाओं पर सरकारी नियंत्रण जरूरी है। जिससे प्राइवेट संस्थान मनमानी न कर सकें। उन्होंने कहा कि स्वायत्तता मिलनी चाहिए लेकिन स्वच्छंदता नहीं होनी चाहिए। संस्थाओं के गलत कामों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। फीस के नाम पर लूट नहीं सहन की जाएगी। संस्थानों के छात्र हित और शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए। सराफ ने संस्थाओं से यह अनुरोध किया कि वे समाज हित में भी काम करें। परिसर में तिरंगा झंडा फहराएं, रक्तदान शिवरों का आयोजन करें, महीने में एक दिन स्वच्छता भारत के लिए काम करें। पौध रोपण करें, बुक बैंक की स्थापना करें।
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