जबकि मनरेगा से हुए काम का अभी तक जनपद से कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र भी जारी नहीं किया गया है। अहम बात यह है कि मनरेगा से किए गए काम का सत्यापन भी अभी बाकी है। लेकिन खनिज विभाग ने खुद के शासकीय विभाग जनपद पंचायत की सहमति लिए बिना रॉयल्टी जारी कर दी है। मंगलवार से उक्त तालाब में चेन माउंटने मशीन लगाकर खनन शुरु कर दिया गया है। मामले की शिकायत अभनपुर तहसीलदार और जनपद सीईओ से की गई है। दोनों ने मामले की जांच करवाने की बात कही है।
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कैसे होगा ग्रामीणों को भुगतान बतादें कि गिरौला गांव का खसरा नंबर 1380 का रकबा 7.10 हेक्टेयर में तालाब है। जिसके सौदर्यीकरण के लिए प्रस्ताव पंचालय से बनाया गया था। इसी तालाब के गहरीकरण के लिए मनरेगा के तहत काम ग्रामीणों को दिया गया। प्रक्रिया यह होती है कि जनपद अधिकारी के सत्यान और पूर्णता प्रमाण दिए बिना मनरेगा की राशि स्वीकृत नहीं होती। यहां ऐसा नहीं किया गया। खनन करने वाले ने मनरेगा के तहत खोदी गई गोदी को जेसीबी से काट कर मुरुम उठाना शुरू कर दिया है। अब सवाल यह है कि ग्रामीणों को उनके काम का भुगतान कैसे होगा।
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अभी तक पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है। इसके बाद भी कैसे खनन की अनुमति दे दी गई है इसकी जांच की जाएगी। ग्राम सचिव को नोटिस जारी किया जाएगा।
– राजेंद्र पाण्डेय, सीईओ, जनपद पंचायत