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विदेशों में भारतीय बैंकों की 70 ब्रांचों पर लगेंगे ताले, ये है कारण

locationनई दिल्लीPublished: Jul 23, 2018 12:07:46 pm

Submitted by:

manish ranjan

भारत में बैंको की बिगड़ती हालत से तो सभी वाकिफ हैं।रिजर्व बैंक ने भी बैंकों की बुरी होती हालत पर कई बार चिंता जताई हैं।

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नई दिल्ली। भारत में बैंको की बिगड़ती हालत से तो सभी वाकिफ हैं।रिजर्व बैंक ने भी बैंकों की बुरी होती हालत पर कई बार चिंता जताई हैं। बैंको की हालत में कोई सुधार देखाने को तो नहीं मिल रहा हैं।बल्कि दिन ब दिन बैंकों की हालत बुरी ही होती जा रही हैं।एक बार फिर बैंको के लिए बुरी खबर आ गई हैं।दरअसल विदेशों में जो भारतीय बैंकों की शाखाएं हैं उन पर ताला लगने जा रहा हैं।जी हां विदेशों में भारतीय सरकारी बैंकों की कुल 216 शाखाएं हैं। इन शाखाओं में से कुल 70 शाखाएं इस साल के अंत तक बंद होने जा रही हैं। 70 शाखाओं के आलावा विदेशों में इन बैंकों की अन्य सेवाएं भी बंद होंगी।

बंद होगी 70 बैंक शाखाएं
वित्त मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों ने बताया है की भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन ओवरसीज़ बैंक, आईडीबीआई बैंक और बैंक ऑफ़ इंडिया विदेशों से अपनी सेवाओं में भारी कटौती करेंगे। पूंजी बचाने के लिए इस साल के अंत तक कुल 216 विदेशी शाखाओं में से 70 को बंद करने की उम्मीद है। अधिकारियों का कहना है की यह क़दम बैंको की हालत में सुधार लाने, खर्चों को कम करने और पूंजी बचाने के लिए किया जा रहा है। खाड़ी के देशों जैसे ओमान और संयुक्त अरब में भी ये बैंक उन ब्रांचों को बंद करेंगी जिनसे पर्याप्त लाभ हासिल नहीं हो रहा है।अधिकारी ने कहा कि कुछ शाखाओं को छोटे कार्यालयों में परिवर्तित किया जा रहा है।

बैंक ने बेचनी शुरु की विदेशों में संपत्ति

बैंकों ने गैर-मूल परिसंपत्तियों की बिक्री भी शुरू कर दी हैं। इतना ही नहीं बैंक ने अयोग्य शाखाओं को भी बंद करना चालू कर दिया हैं। पूंजी को कम करने के लिए अन्य कदम भी उठाने शुरू कर दिए हैं। अब तक, विदेशों में 37 बैंक और उनकी शेवाओं को बंद किया जा चुका हैं। साल के अंत तक 60-70 37 बैंक को बंद कर दिया जाएंगे। ये ऑपरेशन पूर्ण शाखाओं, प्रतिनिधि कार्यालयों और प्रेषण कार्यालयों का संयोजन है।
एसबीआई ने बंद की छह विदेशी शाखाएं
अधिकारियों का कहना है की कुछ महीनों में एसबीआई की छह विदेशी शाखाएं बंद कर दी हैं। जबकि श्रीलंका और फ्रांस में कुछ शाखाओं को छोटे कार्यालयों में परिवर्तित किया जा रहा है। देश का सबसे बड़ा ऋणदाता विदेश में नौ और शाखाओं को बंद करने की योजना बना रहा है।

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