script5 साल में 36 फीसदी की ग्रोथ दर्ज करेगा रिटेल लॉजिस्टिक्स उद्योग: एक्सपर्ट | Logistic retail sector will grow at 36 percent in 3 years | Patrika News

5 साल में 36 फीसदी की ग्रोथ दर्ज करेगा रिटेल लॉजिस्टिक्स उद्योग: एक्सपर्ट

locationनई दिल्लीPublished: Sep 29, 2018 04:05:38 pm

Submitted by:

manish ranjan

दिव्या जैन, संस्थापक और सीईओ, सेफएजुकेट

Divya Jain

5 साल में 36 फीसदी की ग्रोथ दर्ज करेगा रिटेल लॉजिस्टिक्स उद्योग: एक्सपर्ट

नई दिल्ली। लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन का क्षेत्र आर्थिक विकास को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाता है। यह क्षेत्र उच्च ग्राहक मांग के कारण भारत में तेजी से विकास कर रहा है जो हर जगह वितरण करने, हाइपरलोकल डिलीवरी और मुख्यधारा के लॉजिस्टिक्स (बी2बी) में बदलाव ला रहा है। ऑनलाइन रिटेल बिक्री के अभूतपूर्व गति से बढ़ने के साथ, रिटेल लॉजिस्टिक्स उद्योग के अगले 5 वर्षों में 36% की दर से विकसित होने की उम्मीद है। इसके अलावा, तकनीकी प्रगति ने उपभोक्ताओं की उम्मीदों को उठाया है, जहां एक आम ग्राहक तेजी से डिलिवरी और उच्च स्तर की सेवाएं की उम्मीद करता है, जिसकी कल्पना वे 10 साल पहले नहीं कर सकते थे।
ऐसे तेजी से बदल रहा है उद्योग

मौजूदा व्यापार संचालन में सुधार करने, नए ग्राहकों के साथ लेनदेन करने और अपने नेटवर्क का विस्तार करने के लिए स्टार्टअप और लॉजिस्टिक्स कंपनियों द्वारा इंटरनेट ऑफ थिंग्स, मोबाइल एप्लीकेशंस, क्लाउड स्टोरेज, बड़े डेटा एनालिटिक्स और कंप्यूटिंग जैसी नई तकनीकें तेजी से उपयोग की जा रही हैं। रोबोटिक्स और ऑटोमेशन की अवधारणा को भी सप्लाई चेन के क्षेत्र में व्यापक रूप से कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसमें विशेष रूप से वेयरहाउसिंग सेगमेंट में सप्लाई चेन में कई अनुप्रयोगों के लिए एक व्यवहार्य समाधान के रूप में एआई को देखा जा रहा है।
भारत में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र सड़क, रेल, वायु और पानी के माध्यम से माल और परिवहन प्रदान करता है, और इनवेंटरी स्टॉक और गोदाम जैसे सहायक क्षेत्रों का प्रबंधन भी करता है। यह क्षेत्र बहुत अव्यवस्थित है और इसमें मुख्य रूप से छोटे और असंगठित कंपनियों का प्रभुत्व है, लगभग 85-90% जबकि संगठित क्षेत्र केवल 10% भारतीय बाजार में योगदान देता है। वर्तमान में यह क्षेत्र 16.74 मिलियन से अधिक कर्मचारियों को रोजगार देता है और 2022 तक 28.4 मिलियन से अधिक कर्मचारियों को रोजगार देने के लिए तैयार है। इसका तात्पर्य है कि लॉजिस्टिक्स और गोदामों के संचालन में आॅटोमेशन के स्तर में वृद्धि के कारण 11.7 मिलियन अतिरिक्त नौकरियों का निर्माण होगा।
नई नौकरियों के मिलेंगे मौके

तकनीकी प्रगति की गति को बनाए रखने और उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए, कई कंपनियां कुशलकर्मचारियों की तलाश में हैं जो लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन डोमेन में विभिन्न भूमिकाएं निभा सकते हैं। तीसरे पक्ष के लॉजिस्टिक्स (3पीएल) के उद्भव के साथ, निकट भविष्य में विशिष्ट कौशल वाले प्रशिक्षित कर्मचारियों की मांग भी बढ़ने की उम्मीद है। आइए उन कुछ भूमिकाओं और नौकरी के विकल्पों को देखें जिनके आगामी वर्षों में उभरने की संभावना है।
लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन में भूमिकाएं

आदर्श रूप से, लॉजिस्टिक्स का व्यापक और एकीकृत ज्ञान उम्मीदवार को नौकरी बाजार में एकदम सही फिट बनाता है। ऑपरेशन सहायक या पिकर/पैकर या ड्राइवर, जैसे प्रवेश स्तर की नौकरी की भूमिओं से लेकर प्रबंधक के रूप में मध्य प्रबंधन स्तर या उच्च स्तर की एनालिटिक्स विशेषज्ञता वाले वरिष्ठ प्रबंधक तक सभी स्तर में कौशल की जरूरत महत्वपूर्ण है।
सप्लाई चेन प्रबंधन मुख्य रूप से गोदाम, रिटेल बिक्री और परिवहन क्षेत्र में प्रवेश स्तर और अनुभवी पेशेवरों के लिए विभिन्न प्रकार के रोजगार विकल्प प्रदान करता है। व्यावसायिक कौशल का एक व्यापक आधार, सप्लाई चेन प्रक्रियाओं का ज्ञान, और प्रासंगिक इंटर्नशिप/कार्य अनुभव, निर्माता, रिटेलर, वाहक, तृतीय पक्ष लॉजिस्टिक्स फर्म, या अन्य संगठन के साथ अपने करियर को शुरू करने और उसे आगे बढ़ाने का पर्याप्त अवसर प्रदान करेगा।
एक लॉजिस्टिक्स प्रबंधक आपूर्तिकर्ता से उपभोक्ता तक किसी उत्पाद या सेवा के कुशल मूवमेंट को निर्देशित करता है। वह उत्पाद अधिग्रहण की शुरुआत से लेकर उसके सुरक्षित वितरण तक का प्रभारी होता है। इसी तरह, एक सप्लाई चेन प्रबंधक मौजूदा स्थितियों को व्यवस्थित करने के अवसरों के लिए प्रक्रियाओं की जांच करता है। जैसे ही आप लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन प्रबंधन में अनुभव प्राप्त करते हैं और अपने ज्ञान का विस्तार करते हैं, तो इस क्षेत्र में उद्योग विश्लेषक, परियोजना प्रबंधक, वैश्विक लॉजिस्टिक्स प्रबंधक, संचालन निदेशक, परिवहन निदेशक, या अंतरराष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स प्रबंधन जैसी उन्नत भूमिकाओं का भी निर्माण भी हो जाएगा।
लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन के क्षेत्र में विकास के अवसर और सरकारी पहल

माल और सेवा कर (जीएसटी), उदार विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के नियमों की शुरूआत, सरकारी खर्च में वृद्धि ने इस क्षेत्र में वृद्धि को बढ़ावा देने में मदद की है। जीएसटी का कार्यान्वयन उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए पुराने लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाताओं की प्रक्रियाओं और संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए उन्हें आगे बढ़ा रहा है। इसके परिणामस्वरूप कुशल कार्यबल की जरूरत भी पैदा हुई है, जिससे ग्राहक संतुष्टि में सुधार करने और अपने ग्राहकों की कुशल सप्लाई चेन से खुद को अलाइन करने में फर्मों को मदद मिलेगी। ई-कॉमर्स फर्मों की उच्च वृद्धि और बढ़ते ऑर्डर्स की वजह से बड़े गोदामों का विकास भी किया गया है जो अधिक भंडारण और पूर्ति क्षमता पेश करते हैं। अधिकांश गोदामों एक जटिल इन्वेन्ट्री सिस्टम को अपनाते हैं जिसमें वेयरहाउस कार्यक्षमता और वितरण केंद्र प्रबंधन को अनुकूलित करने के लिए कुशल कर्मचारियों की जरूरत होती है। यहां तक कि भारत का महत्वाकांक्षी भारतमाला कार्यक्रम निर्माण क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने में मदद करेगा और राजमार्ग सुविधाओं का विकास भी होगा। सरकार ने2017-18 के दौरान राजमार्ग क्षेत्र में लगभग 1.5 करोड़ रुपये में निवेश किया है और इन सबकी वह से देश भर में अधिक निर्माण गतिविधि होंगी और नौकरियां पैदा होंगी। सरकार के अनुसार, भारतमाला और संबंधित नेटवर्क के परिणामस्वरूप 2 करोड़ नौकरियां पैदा होंगी।
सरकार ने की पहल

लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में सरकार की पहलों ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को बढ़ावा दिया है। लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में आधारभूत संरचना की स्थिति घोषित करके, सरकार ने विकास के लिए जरूरी मंच प्रदान किया है। इस क्षेत्र में जुड़ी कंपनियों को अब सस्ता और दीर्घकालिक ऋण मिलेगा और वे अधिक नौकरियां पैदा करने में सक्षम होंगे। सागरमाला परियोजना जो मौजूदा बंदरगाहों का आधुनिकीकरण करेगी और नए बंदरगाह विकसित करेगी, उससे सालाना लॉजिस्टिक्स लागत के रूप में 35,000 रुपये से 40,000 करोड़ रुपये बचाने, 110 अरब अमेरिकी डॉलर तक के निर्यात को बढ़ावा देने और एक करोड़ नई नौकरियां पैदा करने की उम्मीद है। वाणिज्य मंत्रालय के तहत एक अलग लॉजिस्टिक्स विभाग का निर्माण करने से कई मुद्दों से निपटने में मदद मिलेगी, जिसमें निर्यातकों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने वाली बढ़ती लागत शामिल है और इसके परिणामस्वरूप लॉजिस्टिक्स क्षेत्र से निपटने वाले विभिन्न मंत्रालयों के बीच बेहतर समन्वय होगा।
3 साल में 200 अरब डॉलर का कारोबार

ग्लोबल एनालिटिक्स, रेटिंग और रिसर्च कंपनी क्रिसिल लिमिटेड के मुताबिक, भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर, जो वर्तमान में 160 बिलियन अमरीकी डॉलर के बराबर है, उसके सिर्फ तीन वर्षों में करीब 200 अरब डॉलर के होने की उम्मीद है। ईकॉमर्स रिटेल और बेहतर औद्योगिक गतिविधि समेत उपभोक्ता मांग में वृद्धि, सरकारी पहल, रिटेल में वृद्धि ने कुशल क्षेत्र और लॉजिस्टिक्स समाधान बढ़ावा देने के अलावा इस क्षेत्र का प्रोत्साहन किया है। छात्रों के लिए, अब समय है कि वे आगे एक लाभदायक सफर का आनंद लेने के लिए लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन प्रबंधन के क्षेत्र की ओर देखें।
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