scriptबढ़ाना हो अपना बिजनेस तो अपनाएं ये 5 तरीके | do these things if you want to increase your business | Patrika News

बढ़ाना हो अपना बिजनेस तो अपनाएं ये 5 तरीके

locationनई दिल्लीPublished: Dec 15, 2018 06:33:54 pm

Submitted by:

manish ranjan

तेजस गोयनका, कार्यकारी निदेशक, टैली सॉल्‍यूशंस प्राइवेट लिमिटेड

तेजस गोयनका

बढ़ाना हो अपना बिजनेस तो अपनाएँ ये 5 तरीके

नई दिल्ली। आज के व्यावसायिक जगत में अनेक विषयों की जोरदार चर्चा है – बिग डेटा, क्लाउड, एआई, आईओटी,ब्लॉक चेन, सोशल मीडिया, डिजिटल, आदि। दुनिया धीरे-धीरे डिजिटलीकरण प्रक्रिया की ओर बढ़ रही हैं और इसके साथ ही जिस चीज को काफी तवज्जो मिल रही है, वह है कारोबार का स्वचालन, यानी बिज़नेस ऑटोमेशन।

बिज़नेस ऑटोमेशन क्या है?

साधारण अर्थ में बिज़नेस ऑटोमेशन वह तरीका है जिसमें संगठन अपनी दैनिक प्रक्रियाओं से सबसे जटिल और/या सबसे अनावश्यक पद्धतियों को निकाल कर उन्हें सहजता के लिए दुरुस्त करते हैं। यह व्यवसायी के नाते आपके लिए एक अवसर है कि आप नवोन्मेष लागू करें और अपनी सबसे महत्वपूर्ण व्यावसायिक प्रक्रियाओं को इस तरह व्यवस्थित करें कि आपका व्यवसाय पहले से ज्यादा कार्यकुशल और आपका जीवन ज्यादा सरल हो जाए। और भी सरल ढंग से हम ऑटोमेशन को एक चमत्कारिक कदम के रूप में समझ सकते हैं, जिससे लागत में कमी आती है, आपका समय बचता है, यह गलतियाँ होने से रोकता है और आपके मानव श्रमबल को, रोजमर्रे के बार-बार होने वाले कामों पर समय खर्च करने के बदले ज्यादा गंभीर समस्याओं को हल करने का समय मिलता है।

जैसा कि हमने ऑटोमेशन को विभिन्न रूप में समझने का प्रयास कर लिया है, अब कुछ बुनियादी सवालों पर गौर करें :
-क्या दुनिया में कोई उद्योग हो सकता है जो खर्च में कटौती नहीं करना चाहेगा?
-कोई ऐसा उद्योग है जो समय बचाना और गलतियों से बचना नहीं चाहता होगा?
-क्या विश्व में कोई उद्योग है जो नहीं चाहेगा कि उसके जटिल काम-काज के लिए कोई आसान तरीका मिल जाए?

बेशक, हर कोई ऐसा ही चाहेगा। किन्तु, ऐसा ही होता तो दुनिया के छोटे-बड़े सभी उद्योग अपनी शुरुआत ही से स्वचालित हो गए होते। भारत के एमएसएमई उद्योग पर सरसरी नजर डालने से यह सहज पता चल जाता है कि अभी भी काफी उद्योग हैं जिनकी व्यावसायिक प्रक्रियाएँ मानव संचालित ही है। यहाँ गौर करने वाली बड़ी बात यह है कि ऑटोमेशन या स्वचालन का अर्थ एक कंप्यूटर रख लेना भर नहीं होता। ऐसे अनेक कारोबारी संस्थानों के उदाहरण हैं जहां कंप्यूटर है, लेकिन उनका इस्तेमाल कुछ ख़ास काम-काज के लिए ही किया जा रहा है। जैसे कि विक्रय, खरीदारी, प्राप्तियाँ, देनदारियाँ या इन्वेंटरी या बैंकिंग आदि में से कोई या कुछ काम कंप्यूटर पर किये जा रहे हैं, लेकिन अभी भी वे एक कंपनी के रूप में समस्त काम-काज को एकीकृत करने के लिए कंप्यूटर का प्रयोग नहीं कर रहे हैं।

क्या कारण है कि उद्योग स्वचालन में पीछे हैं?

तो, उनके सामने क्या रुकावट है? वे कौन-से संभावित कारण हो सकते हैं जिनको लेकर भारत में आज भी व्यवसायी अपने काम-काज का स्वचालन नहीं कर रहे हैं, जबकि स्पष्‍टतया इसके अनेक फायदे है।

मोटे तौर पर निम्नलिखित में से कोई एक या दोनों कारण हो सकते हैं :

अपेक्षित स्वचालन में काफी समय लगेगा और स्वचालन के कार्यान्वयन में लगने वाला समय स्वचालन से बचने वाले समय से काफी हयादा है। अपेक्षित स्वचालन में काफी खर्च आयेगा, और स्वचालन के कार्यान्वयन का खर्च, स्वचालन के बाद खर्च में आने वाली कमी से काफी अधिक है या स्वचालन से मुझे जो लाभ मिलेगा उससे कहीं अधिक तो स्वचालन के कार्यान्वयन पर खर्च हो जाएगा। संक्षेप में, अगर आप केवल समय और पैसों के आधार पर फैसला करते हैं तो आपको उत्तर जल्द मिल जाएगा। अगर स्वचालन तीव्र एवं किफायती हो, तो आप इसे अवश्य अपनाना चाहेंगे, फिर आपके उद्योग का आकार कुछ भी हो। अगर स्वचालन समय लेने वाला और खर्चीला है, तो आपको हिसाब लगाने की ज़रुरत होगी कि इसे करें या नहीं करें, फिर फैसला करें। और ऐसे में कभी उद्यमों के लिए एक वाजिब सवाल यह है कि – अपने कारोबार को स्वचालित करने का सही समय कब है।

बिज़नेस ऑटोमेशन के लिए 5 विचारणीय बातें

बिज़नेस ऑटोमेशन पर सोच-समझकर फैसला करने में आपकी मदद के लिए हमने 5 घटकों को सूचीबद्ध किया है जिन्हें हम बिज़नेस ऑटोमेशन की ए,बी,सी,डी और ई कहते हैं, जो इस प्रकार हैं :

उत्तरदायित्व – आप जब स्वचालन करते हैं, तो अपनी व्यावसायिक प्रक्रियाओं के एक-एक चरण के लिए एक अधिकारी बनाते हैं। उसके बाद सारे दायित्वों को एक या दूसरे व्यक्ति के अधीन कर दिया जाता है जो केवल उस दायित्व के लिए उत्तरदायी होता है। सूचना की पारदर्शिता के उस स्तर को समर्थ बनाने से आपको अपने व्यवसाय के सभी हिस्सेदारों में उत्तरदायित्व आगे बढ़ाने में मदद मिलती हैं। इससे आपको कुछ निश्चित रुझानों के बारे में जानने में भी आसानी होती है, जैसे कि किस काम में सबसे ज्यादा समय लग रहा है, चीजें अक्सर सबसे अधिक कहाँ अटकती हैं, आदि।

समय का बेहतर उपयोग – स्वचालन से आपको बेकार हो चुके, गैरज़रूरी चरण और प्रक्रियाओं की पहचान करने और उन्हें हटाने में मदद मिलती है। आप समय और संसाधन की बर्बादी करने वाले बिन्दुओं को समझ पाते हैं। इतना ही नहीं, सूचनाओं के संकलन और पुनर्संकलन जैसे बार-बार होने वाले कार्यों को, जिनमे मानव कौशल या विशेषज्ञता की ज़रुरत नहीं होती, हटाकर उनकी जगह स्वचालित प्रणालियाँ लगाई जा सकतीं हैं। आप जब अपनी प्रक्रियाओं को स्वचालित करना आरम्भ करते हैं, तभी यह स्पष्ट हो जाता है कि आपके कारोबार में लोग एक ही वृत्त में चक्कर लगाते हुए कितना समय खर्च कर देते हैं, सिर्फ इसलिए कि उनके पास ज़रुरत पड़ने पर ज़रूरी सूचना नहीं होती। ऐसा करते हुए आप अपने लिए और अपने संसाधनों के लिए खाली समय निकाल पाते हैं और उस समय में अपनी कंपनी के मुख्य कार्यों से सम्बंधित रणनीतिक पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित करते हैं। दूसरे शब्दों में, उन कार्यों के लिए समय देना जहां टेक्नोलॉजी उनकी जगह नहीं ले सकती।

संचार – स्वचालित दृष्टिकोण से आपके हिस्सेदारों और कर्मचारियों के बीच ज्यादा व्यवस्थित संचार होता है। इसलिए, विक्रय की देखभाल करने वाला व्यक्ति इन्वेंटरी के व्यक्ति के साथ तालमेल बना सकेगा और भण्डार में अपेक्षित सामान होने पर ही ग्राहक से वादा किया जाएगा। इसी प्रकार इन्वेंटरी के प्रभारी व्यक्ति और क्रय के देखभाल करने वाले व्यक्ति के बीच तालमेल होगा जिसकी कि हर समय पर्याप्त इन्वेंटरी उपलब्ध रह सके. आगे चल कर इससे आपको फायदा यह होगा कि आप अपने आस-पास के इकोसिस्टम के लिए एक उन्नत प्रतिक्रियात्मकता तैयार कर सकेंगे। आप अधिक तेजी से अपने आपूर्तिकर्ताओं और ग्राहकों के लिए प्रतिक्रिया करने में सक्षम होंगे और इस तरह आपकी प्रतिस्पर्धी ताकत बढ़ेगी तथा नगदी एवं धन के प्रवाह का बेहतर प्रबंधन हो सकेगा।

निर्णय निर्धारण – सभी उपलब्ध सूचनाओं पर विचार किये बगैर व्यावसायिक निर्णय की परिणति अक्सर असफलता में होती है। अपनी व्यावसायिक प्रक्रियाओं को स्वचालित करने से आपको मूल्यवान सूचनाएं मिलेंगी जो हाथ से या किसी भिन्न प्रणाली पर काम करने से प्राप्त नहीं होतीं। इससे न केवल आपका समय बचता है, अपितु आप ज्यादा तेज और बेहतर ढंग से डेटा का विश्लेषण भी कर पाते हैं। उपलब्ध डेटा की गुणवत्ता जितनी अधिक होगी, आप उतना ही बेहतर निर्णय कर सकेंगे, उतना ही ज्यादा आपका पैसा और समय बचेगा।

भूल सुधार और खोज – बिज़नेस प्रोसेस ऑटोमेशन यानी व्यावसायिक प्रक्रिया स्वचालन के अनेक विशेषताओं में से एक यह है कि आप मानवीय संवेदनाओं को मशीन की सटीकता से स्थानापन्न कर देते हैं। विलंबित भुगतान, धीमी विक्रय स्वीकृति, उन माल के लिए गलत टैक्स रिटर्न और भुगतान जो कभी प्राप्त नहीं हुआ, ये सभी बड़ी मंहगी गलतियाँ होतीं हैं जिनसे आपके उद्योग की कार्यशील पूंजी प्रभावित हो सकती है. और खुद गलतियों से भी अधिक बड़ी बात यह है कि उन्हें आगे पहचानना और ठीक करना मुश्किल हो जाता है। इस प्रकार स्वचालन (ऑटोमेशन) एक शानदार उपाय है जिसके सहारे आप काफी पैसों का खर्च बचा सकते हैं, जो अन्यथा रूप में गलतियों के कारण बेकार चला जाता।

अब, जैसा कि आपने उपर्युक्त 5 घटकों को पढ़ लिया है, तो खुद से सवाल करें – क्या ये घटक अभी मेरे लिए समस्या खड़ी करते हैं? क्या ये घटक अभी इस समय मेरे और मेरे व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण है? अगर इनका उत्‍तर “नहीं” है, तो आप बिज़नेस ऑटोमेशन का फैसला करने से पहले अपने व्यवसाय के आकार, राजस्व, ग्राहक आदि के सन्दर्भ में कुछ और बड़ा होने का इंतज़ार कर सकते हैं। लेकिन अगर उत्तर“हाँ” है, तो आपके व्यवसाय को स्वचालित करने का यह बिल्‍कुल सही समय है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो