देसी घी, दूध है इन बैलों की डाइट, 3 मीटर प्रति सैकेंड की रफ्तार से लगाते हैं दौड़
बुरहानपुरPublished: Aug 22, 2017 11:50:00 pm
डोइफोडिय़ा गांव में हुआ आयोजन
Desi ghee milk is the diet of these oxen at the speed of 3 meters per second
बुरहानपुर. डोइफोडिय़ा गांव में पोला उत्सव पर सोमवार को बैलों की रेस कराई गई। इसमें कैलाश चौहान के बैलों की जोड़ी पहले स्थान पर रही। चौहान बताते हैं कि उसके ये बैल किसी एथलीट से कम नहीं है। उनके बैल तीन मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से दौड़ते हैं। प्रतियोगिता में 10 मिनट में लगाई 1 किलोमीटर की दौड़ लगाई।
सरपट दौड़ रहे बैलों को देखने के लिए सैकड़ों लोग इस नजारे के गवाह बने। इस दौरान बाइक पर सवार होकर युवाओं ने बैल सवारों का हौंसला बढ़ाया तो कोई बैलगाड़ी पर सवार था। कई लोग जोश में अनियंत्रित होकर गिर भी पड़े परंतु उत्साह और हौंसला बढ़ाने में पीछे नहीं हटे।
ये है बैलों की डाइट
चौहान बताते हैं कि रेस में भाग लेने से १५-२० दिन पहले से इनकी बेहतर डाइट शुरू हो जाती है। हर रोज २ लीटर दूध, ढाई किलो चने का दाना, 250 ग्राम देशी घी, 250 ग्राम तेल, धान खिलाते हैं। बैलों की पूरी तरह एथलीट खिलाड़ी की तरह ही खिदमत की जाती है। उन्हें बढिय़ा डाइट दी जाती है और खूब दौड़ाया जाता है। अनार सिंह राठौर ने कहा कि घी, तेल, मक्का, धान, ज्वार, गेहंू, गुड़ आदि के साथ कई दूध बैल को पिलाया गया। रेस में भाग लेने वाले बैलों को प्रशिक्षित किया जाता हैं।
यह रहे विजेता
डोईफोडिय़ा के ग्राम मातापुर में पहले बैलों की पूजा पाठ की गई। शाम 4 बजे से सैकड़ों बैल किसानों ने यहां एकत्रित किए। पिछले ५0 साल से यहां परंपरा चली आ रही है। गांव के पटेल टेकसिंग राठौड़ ने बैलों की पूजा पाठ की और बाद में रेस चालू हुई, यह रेस लगभग 1 किलोमीटर की थी, जिसमे पहला स्थान गुड्डू दरबार और दूसरा इनाम कैलाश चौहान के बैल को मिला। दो किलोमीटर की रेस प्रथम स्थान विक्की अरुण राठौड़, दूसरा इनाम सावन राठौड़ को दिया गया। इन्हें नकदी इनाम मिला।