बूंदीPublished: Oct 02, 2018 10:15:09 pm
पंकज जोशी
उपखंड के माखीदा व इटावा उपखंड के गेंता कस्बे के बीच चम्बल नदी पर बने हाई लेवल ब्रिज का लोकार्पण मंगलवार को समारोह पूर्वक हुआ।
सरकार ने कर दिया पुलिया निर्माण का वादा पूरा
-केबिनेट मंत्री वर्मा व सांसद बिरला ने किया लोकार्पण
लाखेरी. उपखंड के माखीदा व इटावा उपखंड के गेंता कस्बे के बीच चम्बल नदी पर बने हाई लेवल ब्रिज का लोकार्पण मंगलवार को समारोह पूर्वक हुआ। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बाबूलाल वर्मा और कोटा-बूंदी सांसद ने ब्रिज जनता को समर्पित किया।
समारोह में केबिनेट मंत्री वर्मा ने कहा की मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की जनता से २००६ में बाढ का जायजा लेने के दौरान बसवाड़ा में चम्बल ब्रिज निर्माण का वादा किया था जो आज पूरा हो गया। वर्मा ने कहा कि २००८ में कांगे्रस की सरकार बनी थी, दोनों विधायक भी कांगे्रसी रहे, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जब प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनी तो वादा पूरा हो गया।मंत्री वर्मा ने कहा कि इसी सरकार ने झालीजी का बराना मेज नदी पर पुलिया, झालीजी का बराना में पेयजल योजना, गेण्डोली-फौलाई लिफ्ट सिंचाई परियोजना, चाकन-इंद्रगढ़ पेयजल परियोजना योजना, केशवरायपाटन फ्लाईओवर आदि वादे पूरे कर दिए।
इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष महिपत सिंह हाड़ा ने भी संबोधित किया। समारोह में केशवरायपाटन पंचायत समिति के प्रधान प्रशांत मीणा, भाजपा के जिला महामंत्री अरविंद गर्ग, शक्ति सिंह आशावत, उपाध्यक्ष योगेन्द्र शृंगी, भाजपा नेता रामबाबू शर्मा, सरपंच पवन कुमार मीणा, साहबलाल गोचर, सुरेन्द्र सिंह हाड़ा, दयाचंद मीणा आदि मौजूद थे।
बांध से ११ जिलों को मिलेगा सिंचाई के लिए पानी
अध्यक्षता कर रहे सांसद ओम बिरला ने कहा की केंद्र व राज्य की सरकारों ने विकास के नए आयाम खड़े किए हैं। केंद्र सरकार सरकार की ओर से नौनेरा गांव के समीप कालीसिंध नदी पर ३७५०० करोड़ रुपयों की लागत से बांध बनवाकर राजस्थान के ११ जिलों के बाशिंदों को पीने व इन जिलों के किसानों के खेतों को पानी मिलेगा। बिरला ने कहा कि किसानों की फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाया।नौजवानों को दक्ष करने के लिए हर पंचायत मुख्यालय पर सीनियर सैकण्डरी स्कूल खोला गया। किसानों का कर्जा माफ कर दिया। सांसद बिरला ने कहा कि इटावा क्षेत्र के लोगों को भी ट्रेन की सुविधा मिलने लग जाएगी। लाखेरी स्टेशन को मॉडल स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां रुकने वाली रेलों की संख्या बढ़ेगी।