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बूंदी

हडताल पंचर न कर दे रोडवेज के चक्के…रोडवेज के इतिहास में दूसरी बार हो रही है लंबी हड़ताल

पांचवे दिन भी थमे रहे रोडवेज के पहिए यात्री भगवान भरोसे-1990 में भैरोसिंह शेखावत की सरकार के समय भी रोडवेज कर्मी पुराने समझौते को लागू करने की मांग पर करीब 72 दिन हड़ताल पर थे।

बूंदीSep 21, 2018 / 06:28 pm

Suraksha Rajora

Roadway strike Government Bhairon Singh Shekhawat in 1990

हडताल पंचर न कर दे रोडवेज के चक्के…रोडवेज के इतिहास में दूसरी बार हो रही है लंबी हड़ताल

बूंदी. रोडवेज में 27 जुलाई के समझौते को लागू करवाने के लिए शुक्रवार को पांचवे दिन भी बसों के चक्के जाम रहें। कर्मचारियों का बस स्टेंड परिसर में धरने प्रदर्शन का सिलसिला जारी हैैैै। कर्मचारी अपनी जायज मांगो पर अड़े है उधर सरकार मुंह फेरे हुई है। रोडवेज के इतिहास में दूसरी बार हो रही है लंबी हड़ताल से यात्री बेहाल है।
रोडवेज के पुराने कर्मचारियों का कहना है कि सन् 1990 में भैरोसिंह शेखावत की सरकार के समय भी रोडवेज कर्मी पुराने समझौते को लागू करने की मांग पर करीब 72 दिन हड़ताल पर थे। एक बार फिर वही समय दोहरा रहा है जब कर्मचारी अपनी मांगो पर डटे है ओर सरकार की वादाखिलाफी पर रोडवेज चक् का जाम हड़ताल जारी रखने की बात कह रहें, जब तक सरकार मांगे नही मान लेती।

कर्मचारियों का कहना है कि यात्रियों की सुविधाओं ओर अधिकारों की लड़ाई को लेकर ही ***** जाम हड़ताल की जा रही है। हमारी तीन ही प्रमुख मांगे है, जिनमें जुलाई 2018 तक के बकाया अनुदान की राशि 101करोड़ 19लाख रूपए एवं अगस्त 2018 के अनुदान की बकाया राशि 45करोड़ रूपए नियमित रूप से रोडवेज को दी जाए इसके साथ रोडवेज की नकारा हो चुकी बसों को बदलने के लिए राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता तुरंत उपलब्ध करवाई जाए
साथ में रोडवेज के श्रमिको को राज्य सरकार के अनुरूप सातवें आयोग के अनुसार वेतनमान, पेंशन, भत्ते दिए जाने की राज्य सरकार की ओर से जल्द रोडवेज को सक्षम स्वीकृति देकर आवश्यकता के अनुसार धनराशि भी उपलब्ध करवाई जाए। ओर सभी वर्गो के रिक्त पदों, विशेष बस संचालन कार्येा एवं बसों की मरम्मत रखरखाव के कार्य की स्वीकृति दी जाए।
इन मांगो पर सरकार को सकारात्मक रूख अपनाने की बजाय उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। जक तक सरकार की तरफ से कोई पहल नही होगी रोडवेज के विभिन्न संगठनों के संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर प्रदेशभर में कर्मचारी हड़ताल पर रहेगें।
जीप संचालको व नीजि बसों की चांदी-


पांचवे दिन भी रोडवेज की जारी हड़ताल के बाद जहां बूंदी बस स्टेँड में सन्न्नाटा पसरा रहा वही नीजि बस व जीप संचालको की चांदी रही। उधर समय पर यात्रियों को आवागमन के लिए कोई साधन नही मिला। घंटो इंतजार के बाद मिले साधन में दोगुने दाम वसुले गए जिससे यात्रियों को अपनी जेब अधिक ढीली करनी पड़ी।
यहां हड़ताल का सदुपयोग-


सरकार की वादाखिलाफी को लेकर कर्मचारियों का एक तरफ धरना प्रदर्शन जारी रहा लेकिन इसके इतर बस स्टेड परिसर में एक ओर नजारा देखने को मिला। यहां अधिकारी हड़ताल के समय का सदुपयोग करते नजर आए। रोडवेज अधिकारी बस स्टेंड परिसर में पेटिंग व जानकारी बोर्ड लगाते नजर आए इस उम्मीद से कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के सुनहरे दिन फिर लौट कर आएगें।
हड़ताल के चलते बस स्टेंड परिसर सुना रहा जिसका फायदा उठाते हुए अधिकारियों ने यात्रियों की सुविधा को लेकर आवागम वाले स्थानो के जानकारी बोर्ड परिसर में लगवाए साथ ही पेंटिंग करवाई गई। मुख्य प्रबंधक घनश्याम गौड़ ने बताया कि यात्रियों की सुविधा को देखते हुए पूर्व में यह प्लानिंग थी। लेकिन बीच में कर्मचारियों ने अपनी मांगो को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। हमे अपना काम करना है, तो समय का सदुपयोग करते हुए इस दिशा में कार्य जारी है।

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