पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सभी परीक्षा केंद्रों पर विशेष सतर्कता बरत रखी थी। तभी बूंदी के एम्मानुएल सीनियर सैकण्डरी और राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में दो अभ्यर्थी संदिग्ध दिखाई पड़े। इनके फोटो और हस्ताक्षर का मिलान किया तो रिकार्ड से नहीं मिले।
यहीं इनके संदिग्ध होने की प्रथम दृष्टया पुष्टि हो गई थी। जब बूंदी पुलिस उपअधीक्षक समदर सिंह ने अन्य अधिकारियों के साथ पहुंचकर पूछताछ की तो फर्जी तरीके से अन्य अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा देने की बात स्वीकार ली।
एम्मानुएल सीनियर सैकण्डरी स्कूल में करौली जिले के रूंदपुरा मासलपुर निवासी संतोष मीणा पुत्र जमुनालाल के स्थान पर नालन्दा (बिहार) जिले के बासलीगंज थाना क्षेत्र के झौर निवासी 23 वर्षीय रितेश उर्फ आदित्य पुत्र रवि शंकर स्वर्णकार को परीक्षा देते हुए पकड़ा।
इसी प्रकार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में करौली जिले के शेखपुरा निवासी वीरेन्द्र मीणा पुत्र धीर सिंह के स्थान पर नालन्दा जिले के रहुई थाना क्षेत्र के गईवी निवासी 23 वर्षीय सुधांशु पुत्र सुबोध प्रसाद चौधरी को पकड़ा। इनके साथ ही स्कूल के बाहर वीरेन्द्र मीणा भी खड़ा था। जिसे भी इनकी निशानदेही पर पुलिस ने धरदबोचा।
पुलिस ने तीनों को पकडऩे के बाद पूछताछ की तो गैंग निकली। गैंग के अन्य सहयोगी शहर के एक स्थान पर कार में बैठे निगाह रखे हुए थे। जब तलाशी की तो सवाईमाधोपुर जिले के वजीर थाना क्षेत्र के फूलवाड़ा निवासी अखलेश पुत्र हरगुन मीणा, करौली जिले के नादोती थाना क्षेत्र के डेरिया निवासी धर्मेन्द्र पुत्र गिलास मीणा और करौली जिले के हिण्डोनसिटी थाना क्षेत्र के कोटरा निवासी हेमसिंह पुत्र गवरूराम मीणा बैठे मिले।
जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। सभी गैंग के सदस्य थे जो मिलकर नकल करा रहे थे। इनके खिलाफ राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। गैंग का मुख्य सरगना भागने में कामयाब हो गया। जिसकी भी पुलिस ने तलाश शुरू कर दी।
मोबाइल खोलेगा राज
गैंग के पास से पुलिस ने मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इन्हीं मोबाइल फोन के आधार पर पुलिस अन्य सदस्यों तक पहुंचेगी।
केंद्राधीक्षक ने सौंपी रिपोर्ट
नकल मामले में पकड़े गए दो फर्जी छात्रों के मामले में दोनों केंद्राधीक्षक ने भी पुलिस को रिपोर्ट सौंपी। जिसे पुलिस ने दर्ज कर लिया।
एसओजी को भेजेंगे
राजस्थान और बिहार की इस गैंग के नकल कराने के मामले में पुलिस को अभी और सदस्यों के मिलने की उम्मीद है। पुलिस मामले पड़ताल में जुट गई है। इसकी गहन जांच के लिए बूंदी पुलिस जयपुर एसओजी को भी लिखेगी।