तीन वर्ष तक मिलेगा लाभ
वृहद् क्षेत्र या आस-पास के गांवों के किसानों को सम्मिलित कर कलस्टर्स का निर्माण किया जाएगा। योजना के तहत किसान का चयन तीन वर्ष तक के लिए किया जाएगा। चयनित किसानों को खेत के चारों ओर डोली/बाड़/बफर क्षेत्र निर्माण करना होगा। वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में चयनित कृषकों के खसरों को इनमें शामिल नहीं किया जाएगा।
ऐसे किया चयन
सहायक कृषि अधिकारी प्रदीप कुमार माथुर ने बताया कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए योजना के अन्तर्गत प्रदेश को 5 हजार कलस्टर्स का आवंटन किया गया है। बूंदी जिले में 50 कलस्टर्स का चयन किया है। इसमें हिंडोली व नैनवां पचायत समिति (असिंचित क्षेत्र) से 45 एवं बूंदी पंचायत समिति (सीएडी) से 5 कलस्टर्स हैं। चयनित किसानों की हर संभव मदद विभाग द्वारा की जाएगी।
यह मिलेगा प्रशिक्षण
50 कलस्टर्स में चयनित होने वाले 2 हजार 500 किसानों को योजना का लाभ दिया जाएगा। इन किसानों को जैविक विधि से खेती करने, जैविक वर्मिंग कंपोस्ट इकाई (केंचुआ का खाद) के बारे में बताया जाएगा। वहीं जैविक काड़ा बनाने, जैव उर्वरक, जैव कीटनाशी विषय एवं जैविक खेती की आधारभूत जानकारी दी जाएगी।
कृषि विस्तार बूंदी के उप निदेशक रामनिवास पालीवाल का कहना है कि भारत सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए पीकेवीवाई योजना शुरू की है। जिसके अन्तर्गत रसायनिक उर्वरकों व दवाइयों के दुष्परिणामों से बचाया जा सकेगा। जैविक खेती अपनाने के लिए किसानों को अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए 50 कलस्टर्स का चयन किया गया है।