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राज्य स्तर पर गोल्डन मटर ने बनाई पहचान, गांवों में हुआ बम्पर उत्पादन

locationबूंदीPublished: Feb 02, 2018 12:09:22 pm

Submitted by:

Narendra Agarwal

क्षेत्र में हो रहे मटर के बंपर उत्पादन के बाद देश के विभिन्न प्रदेशों की मंडियों में गोल्डन मटर अपनी पहचान बना चुकी है।

Golden peas created at the state level bumper production in villages

Hindoli Wheat-filled vehicles in Matar mandi, situated near Ashok Nagar.

हिंडोली. क्षेत्र में हो रहे मटर के बंपर उत्पादन के बाद देश के विभिन्न प्रदेशों की मंडियों में गोल्डन मटर अपनी पहचान बना चुकी है। यहां से प्रतिदिन 50 से अधिक ट्रक, मेटाडोर एवं अन्य वाहनों से व्यापारी व किसान मटर बेचने ले जा रहे हैं।
प्रदेश में मटर उत्पादन में अग्रणी नाम हिंडोली क्षेत्र का आता है। यहां पर नवंबर माह से ही क्षेत्र के दर्जनों गांव में किसान मटर की बुवाई में लग जाते हैं। दिसंबर के आखिर व जनवरी के प्रथम सप्ताह में उत्पादन शुरू हो जाता है। इस बार किसानों ने गोल्डन मटर की बुवाई अधिक की है। वर्तमान में सुबह से ही किसान खेतों में मटर तोडक़र लाने में जुट जाते हैं और फिर शाम को बोरों में भरकर अशोक नगर स्थित मटर मंडी में बेचने पहुंच जाते हैं। यहां व्यापारी मंडी के भाव के आधार पर किसानों से मटर की खरीद करते हैं।
शाम को मटर ट्रकों, मेटाडोर व अन्य वाहनों में महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तराखंड, यूपी, एमपी व दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों में भेजी जा रही है।
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अलग है किस्म
यहां पर किसान वर्षों से मटर की विभिन्न किस्म के बीज की बुवाई करते थे। इस बार गोल्डन नामक मटर का बीज अधिक प्रचलन में आ रहा है। इस मटर की खासियत यह है कि मटर की फ ली लंबी होती है। दाना खाने में मीठा होता है, इससे स्वादिष्ट लगता है। गत वर्ष की अपेक्षा इस बार मटर का उत्पादन अधिक हुआ है।
यहां होता है उत्पादन
बड़ानयागांव, अशोक नगर, आलोद, हिंडोली, चतरगंज, मांगली, रघुनाथपुरा, सिंगाडी, चेता, बिचड़ी, बड़ोदिया, कोकड़ा डूंगरी, सथूर, तालाब गांव, कराड खेड़ी, टहला, डेरौली सहित दर्जनों गांव में मटर की बुवाई की जाती है।

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