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मुख्यमंत्री की सभा से पहले बूंदी में हरे पेड़ो की हुई कुर्बानी… कांग्रेस ने सत्ता पर लगाया मनमनानी का आरोप…

locationबूंदीPublished: Sep 16, 2018 06:17:30 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

सभा स्थल पर काटे गए हरे वृक्ष के मामले को बताया संवौधानिक मूल्यों का हनन… कहा पर्यावरण कानून का ऐसा घोर उल्लघंन किसके आदेश पर हो रहा हैैै।

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मुख्यमंत्री की सभा से पहले बूंदी में हरे पेड़ो की हुई कुर्बानी… कांग्रेस ने सत्ता पर लगाया मनमनानी का आरोप…

बूंदी. मुख्यमंत्री की राजस्थान गौरव यात्रा झालावाड़, बांरा और कोटा के बाद सोमवार को बूंदी जिले में प्रवेश करेगी। बूंदी जिले में एक दिन में मुख्यमंत्री दो विधानसभा क्षेत्र में सभा को सम्बोधित करेगी। यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। बूंदी में हायर सेकेंड्री स्कूल मैदान में आयोजित सभा स्थल बनकर तैयार है।
अधिकारी से लेकर नेता व मंत्री मुख्यमंत्री के स्वागत की तैयारियों को लेकर जुटा हुआ है। हायर सैकेंड्री मैदान में वॉटर पू्रफ पांडाल बनाया गया है जहां मुख्य सभा होगी। सभा स्थल में मुख्य पांडाल 250फीट लंबा व 100फीट चौडा होगा साथ ही साइड में दो ओर पांडाल 80बाई 100 के बनाए गए है। सभा स्थल में करीब 15हजार लोगो के बैठने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री स्कूल के पिछे वाले गेट से प्रवेश करेगी जिसको देखते हुए कर्मचारियों ने स्कूल के मैदान की पिछे वाली दीवार को भी तोड दिया गया साथ ही साइड में लगे हरे पेड़ भी काटे गए। मुख्यमंत्री के लिए हरे पेड़ो की कुर्बानी को लेकर कांग्रेस पदाधिकारियों में आक्रोश है।
मामले का विरोध करते हुए युवक कांग्रेस महासचिव चर्मेश शर्मा ने कहा कि सारे नियमों कायदे कानून को ताक में रखा जा रहा है। ऐसा लग ही नही रहा कि बूंदी में संविधान का राज है। पर्यावरण कानून को ताक में रखकर विशाल हरे पेडो को काट दिया गया। राजनीति स्वार्थ के लिए विद्यालय की दीवार तोड़ दी गई। सवाल उठता है कि पेड काटने व दीवार तोडने की अनुमति किस अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी की गई।
इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। प्रत्येक बिंदू की न्यायलय में वाद दायर कर कार्रवाई की मांग की जाएगी। संविधान में ऐसा किसी को कोई अधिकार नही कि जिस दिन शैक्षणिक कार्य दिवस हो स्कूल बंद करवाकर सभा की जाए साथ ही स्कूल के पेड़ काट दिए जाए। ओर मनमनाने तरिके से दीवार तोडऩा यह बताता है कि भाजपा के राज में गुंडाराज किस कदर हावी है।
लेकिन अन्तत: जीत सत्य और संविधान की होगी दोषी अधिकारियों को प्रत्येक गैरकानूनी कदम पर जवाब देना भारी पड़ेगा। संवौधानिक मूल्यों का हनन व पर्यावरण कानून का ऐसा घोर उल्लघंन किसके आदेश पर हो रहा हैैै। किस अधिकारी ने स्वयं के हस्ताक्षर कर विद्यालय की दीवार तोडऩे व हरे वृक्षों को काटने की अनुमति दी इसकी उच्च स्तर पर सरकारी प्रशासनिक, लोकायुक्त व न्यायिक स्तर पर जांच होनी चाहिए।

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