श्रमिक ग्राम पंचायत व पंचायत समिति की चक्कर लगाकर थक गए। लेकिन उन्हें भुगतान नसीब नहीं हो रहा है। श्रमिक श्योजी लाल नागर ने बताया कि छाबडिय़ों का नया गांव पंचायत क्षेत्र में वर्ष २०१६ में खाळी गहरी करने के लिए १३ दिनों तक काम किया था। यहां काम करने वाले अन्य श्रमिकों को कार्य पूरा होने के बाद भुगतान मिल गया था।
लेकिन तकनीकी खामी बताते हुए मेरा व एक अन्य श्रमिक का भुगतान नहीं किया गया। कई बार ग्राम पंचायत में जाकर भुगतान की मांग की। लेकिन हर बार आगे से भुगतान जारी नहीं होने की बात कहकर पंचायत सचिव ने पल्ला झाड़ लिया।
उधर २४ जनवरी २०१८ में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक मनरेगा श्रमिकों ने छाबडिय़ों का नयागांव से रानीपुरा मार्ग व कुछ श्रमिकों ने छाबडिय़ों का नयागांव से लुहारिया मार्ग पर झीकरा डालने का कार्य किया था। आठ माह बीत जाने के बाद भी श्रमिकों को भुगतान नहीं किया गया।
श्रमिकों को मजदूरी नहीं मिलने से उनकी हालत खराब हो रही है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आंखें बंद किए बैठ हैं। इधर, पंचायत विकास अधिकारी हिम्मतराम ने बताया कि मामला मेरे सामने आने पर बकाया भुगतान से वंचित श्रमिकों के दस्तावेज मंगवाए हैं।
कलक्टर, एसपी ने लिया बालिकागृह का जायजा बूंदी. शहर के नैनवां रोड स्थित तेजस्विनी बालिका गृह का बुधवार को जिला कलक्टर महेशचंद्र शर्मा व पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश ने जायजा लिया। उन्होंने यहां रह रही बालिकाओं से चर्चा की। सामान्य ज्ञान के कई प्रश्न भी पूछे।
सही उत्तर देने पर जिला कलक्टर ने बालिकाओं की प्रशंसा भी की। इस दौरान पुलिस उपाधीक्षक समदर सिंह, एडी रामराज मीणा, हुकुमचंद जाजोरिया आदि मौजूद थे।
सही उत्तर देने पर जिला कलक्टर ने बालिकाओं की प्रशंसा भी की। इस दौरान पुलिस उपाधीक्षक समदर सिंह, एडी रामराज मीणा, हुकुमचंद जाजोरिया आदि मौजूद थे।