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शिविर में खाली पड़ी रही कुर्सियां

locationबूंदीPublished: Jul 26, 2018 03:58:14 pm

Submitted by:

Devendra

जयपुर विद्युत वितरण निगम की ओर से बुधवार को श्रीराम धर्मशाला परिसर में जनसुनवाई की गई। शिविर में उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान किया गया।

Chairs lying vacant in camp

शिविर में खाली पड़ी रही कुर्सियां

केशवरायपाटन. बूंदी. जयपुर विद्युत वितरण निगम की ओर से बुधवार को श्रीराम धर्मशाला परिसर में जनसुनवाई की गई। शिविर में उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान किया गया।

जानकारी के अभाव में शिविर में उपभोक्ताओं की संख्या कम रही। निगम के अधिशासी अभियंता विश्वम्बरनाथ सहाय ने उपभोक्ताओं की समस्या सुनकर मौके पर ही अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए। ३० लोगों ने मीटर खराब होने व अधिक बिल आने की समस्या बताई।
वार्ड संख्या १९ के मनीष कुमार ने बताया कि वह तीन बार आवेदन दे चुका है, लेकिन उसका मीटर नहीं बदला गया। बिल भी एक माह का साढे तीन हजार का आया। उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया कि बिल अधिक आ रहे हैं, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सहाय ने खराब मीटर बदलने व अधिक राशि आने की जांच करवाने का भरोसा दिया।
पुराना अस्पताल भवन हो रहा दुर्दशा का शिकार

नमाना. जिस भवन में बरसों लोगों का उपचार हुआ, लोगों को जीवन दान मिला। आज वही भवन उपचार को मोहताज है। हम बात कर रहे हैं नमाना अस्पताल के पुराने भवन की। जो करीब तीन वर्ष से वीरान पड़ा है, अब तो भवन जर्जर होने लगा है। भवन में करीब आधा दर्जन कमरें हैं, जिनका प्लास्टर उखडऩे लगा है।
छत से पानी टपकने से कमरों में पानी भरा रहता है। सीलन के कारण दीवारें क्षतिग्रस्त होने लगी है। बदमाश लोग कमरों के सामानों को तोड़कर ले जा चुके हैं। वहीं क्षेत्र के सफाई कर्मी भवन परिसर में गंदगी डाल रहे हैं। जिससे यहां पर चारों तरफ गंदगी फैल रही है। लोगों को दुर्गन्ध आने से हाल बेहाल हो रहा है। लोग नाक मुंह सिकोड़ते है। इसके बाद भी उक्त भवन के उपयोग को लेकर कोई ध्यान देने वाला नहीं है। अनदेखी के चलते भवन की दुर्दशा हो रही है।
पंचायत ने भी नहीं संभाला
15 अगस्त 2015 को नमाना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नए भवन में शिफ्ट हो गया था। उसके बाद करीब 2 वर्ष तक यह भवन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पास रहा। करीब एक वर्ष पहले विभाग ने पूरे भवन को नमाना पंचायत को सुपुर्द कर दिया था। तब से भवन पंचायत के अधीन है। लेकिन पंचायत ने इस भवन की मरम्मत नहीं करवाई।
ना ही इसे किसी दूसरे सरकारी विभाग को दिया, जिससे भवन काम आ सके। तत्कालीन जिला कलक्टर नरेश कुमार ठकराल ने पुराने भवन को नमाना थाने में कार्यरत कर्मचारियों के आवास बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के पंचायत को आदेश दिए थे। लेकिन इस पर भी किसी ने ध्यान नहीं दिया।
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