बूंदी

बरसात से खराब हुई फसल को चारे के लिए काट रहे किसान

क्षेत्र में पिछले दिनों हुई बरसात से फ सलें गल गई है। कीट प्रकोप व खरपतवार से फसलें नष्ट होने के बाद अब किसान खून के आंसू रोने के लिए मजबूर है।

बूंदीSep 19, 2018 / 10:15 pm

Nagesh Sharma

बरसात से खराब हुई फसल को चारे के लिए काट रहे किसान

करवर. क्षेत्र में पिछले दिनों हुई बरसात से फ सलें गल गई है। कीट प्रकोप व खरपतवार से फसलें नष्ट होने के बाद अब किसान खून के आंसू रोने के लिए मजबूर है। उनकी पीड़ा सुनने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है। यहां इन दिनों किसान सरकार की फ सल बीमा योजना की आस छोड़कर नई फ सल की तैयारी कर रहे हैं। किसान खेतों की जुताई व खड़ी फ सलों को काटकर पशुओं के लिए चारे के रूप में काम ले रहे हैं। बुधवार को बड़ी संख्या में लोग चारा काटने के लिए खेतों में पहुंचे। भाजपा युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष दिनेश नागर, जिला परिषद सदस्य मायावती नागर, मंडल महामंत्री मुकेश जिंदल, उप सरपंच नीरज नागर, ओबीसी मंडल अध्यक्ष कजोडी लाल प्रजापति ने खाद्य आपूर्ति मंत्री को पत्र भेजकर किसानों को फसल खराबे का मुआवजा दिलाने की मांग की।
नैनवां एवं हिण्डोली क्षेत्र में फसल में ५० प्रतिशत से अधिक खराबा
– कृषि विभाग ने सर्वे में किया खुलासा
हिण्डोली. विधानसभा क्षेत्र में ऐसे तो नाम मात्र की बारिश हुई है, लेकिन गत दो तीन दिन तक हुई बारिश से उड़द की फसल को ६० प्रतिशत खराबा हुआ है। जिसकी सर्वे रिपोर्ट अधिकारियों ने सरकार को भेज दी है।
हिण्डोली एवं नैनवां क्षेत्र में इस बार उड़द की फसल की बम्पर बुवाई की थी। शुरू में तो फसल ठीक थी, लेकिन फसल बढ़ते ही तीन दिन तक लगातार रिमझिम बारिश हुई। जो उड़द की फसल के लिए अभिशाप बन गई। धूप नहीं निकलने एवं बारिश होने से फलियां खराब हो गई। किसानों ने कृषि विभाग से उड़द की फसल खराब होने के सर्वे की मांग की थी, जिस पर विभाग ने सर्वे करवाया। कृषि विभाग के सूत्रों ने बताया कि नैनवां क्षेत्र में १८ हजार हैक्टेयर में उड़द की बुवाई थी। जिसमें से २२ एवं २८ जून को बोई गई फसल ५० से ६० प्रतिशत तक खराब हो गई है। वहीं पर हिण्डोली क्षेत्र में भी गोठड़ा, रोणीजा, भवानीपुरा, टोकड़ा पंचायत सहित कई पंचायतों में ५० प्रतिशत से अधिक उड़द की फसल खराब हुई है।
– गत दिनों हुई बारिश से नैनवां एवं हिण्डोली के कई गांवों में उड़द की फसल खराब हुई है। सबसे अधिक खराबा नैनवां क्षेत्र में हुआ है। जहां पर ५० से ६० प्रतिशत फसल नष्ट हो गई है। जिसका सर्वे करवाकर सरकार को भिजवा दिया है।
रतनलाल मीणा,सहायक कृषि विस्तार अधिकारी बूंदी।

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