जेनरेटर में डीजल नहीं था
अस्पताल में बिजली गुल होने पर जेनरेटर चालू करने का प्रयास किया गया, लेकिन उसमें डीजल नहीं होने के कारण जेनरेटर चालू नहीं हो सका। इससे बच्चे को समय पर ऑक्सीजन सपोर्ट नहीं मिला और उसकी सांसें थम गईं।
लापरवाही से मौत का आरोप लगाया
परिजनों का आरोप है कि अगर समय पर ऑक्सीजन सपोर्ट मिल जाता तो शायद बच्चे की जान बच जाती, जबकि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण समय पर जनरेटर चालू नहीं हो सका। अस्पताल प्रशासन को आपातकालीन स्थिति में जनरेटर की व्यवस्था बनाए रखनी चाहिए थी।
ग्रामीणों ने जताया विरोध
बच्चे की मौत से नाराज ग्रामीणों ने सोमवार की सुबह अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों को निलंबित करने और स्टाफ को बदलने की मांग की है। हंगामे की सूचना मिलने पर सीएमएचओ ओपी समर, नैनवां बीसीएमओ एलपी नागर, उपथाना अधिकारी धर्मवीर सिंह मौके पर पहुंचे। सीएमएचओ ने कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिये हैं।