रबी की फसल के लिए जब किसानों को खाद की जरूरत पड़ी तो किसानों को खाद नहीं मिल पाई जिसकी शिकायत अफसरों से की गई। अफसरों ने जब इसकी जांच की तो ये घोटाला सामने आया। बरेली से यूरिया, एनपीके और डीएपी बरेली से बदायूं आती है और उसे पीसीएफ के गोदाम तक पहुंचाया जाता है लेकिन इस बार यूरिया की पूरी रैक गोदाम तक पहुंची ही नहीं बल्कि उसे रास्ते में ही गायब कर दिया गया। जांच 3102 मीट्रिक टन यूरिया, डीएपी और एनपीके कम मिली। ये कम कैसे हुई इसका जवाब किसी के पास नहीं है। मामले की जांच कर रही टीम ने जांच रिपोर्ट डीएम को दी है।
इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह के पास पहुंच चुकी है। सूत्रों की मानें तो टीम ने पूरे मामले में पीसीएफ अफसरों, कर्मचारियों और ठेकेदारों को जिम्मेदार बताया गया है। साथ ही सभी समितियों की जांच कराने की बात कही गई है। जिससे कि खाद घोटाले का पूरा सच सामने आ सके।
बड़ी तादात में खाद गायब होने से जिले में खाद का संकट पैदा हो गया है। रबी के सीजन में किसानों को खाद की ज्यादा जरूरत होती है लेकिन खाद घोटाला होने पर उन्हें सरकारी दाम पर खाद नहीं मिल पाएगी और किसानों को खुले बाजार से ज्यादा दामों पर खाद खरीदनी पड़ेगी।