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जब अमिताभ बच्चन ने निकटतम प्रतिद्वंदी को लाखों वोटों से हराया, फिर इस फैन की चिट्ठी पढ़ छोड़ दी राजनीति

locationमुंबईPublished: Dec 11, 2018 03:51:34 pm

Submitted by:

Riya Jain

कभी अमिताभ बच्चन ने भी राजनीति में कदम रखा था। पर इसे अमिताभ अपने जीवन की सबसे बड़ी भूल मानते हैं।

Amitabh Bachchan fought election from Allahabad in 1984, know details

Amitabh Bachchan fought election from Allahabad in 1984, know details

इन दिनों हर तरफ चुनावी माहौल बना हुआ है। विधानसभा चुनाव के बाद आज पांच राज्यों के लिए बहुत बड़ा दिन है। सभी चुनाव का नतीजा जानने को बेताब हैं।सभी के मन में एक ही सवाल है कि आखिर मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम और छत्तीसगढ़ में इस बार कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी। आज राजनीति के दाव-पेच हर कोई खेल रहा है, चाहे वो गांव का नौसिखिया हो या बॅालीवुड इंडस्ट्री का स्टार। क्या आप जानते हैं कभी अमिताभ बच्चन ने भी राजनीति में कदम रखा था। पर इसे अमिताभ अपने जीवन की सबसे बड़ी भूल मानते हैं।

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1984 के दशक में जब अमिताभ बच्चन और राजीव गांधी करीबी दोस्त हुआ करते थे तब राजीव ने अपने दोस्त अमिताभ को कांग्रेस के टिकट पर इलाहाबाद से चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया था। 1984 में अमिताभ बच्चन को इलाहाबाद से कांग्रेस का टिकट मिला और उन्होंने बड़े अंतर से हेमवती नंदन बहुगुणा को हराया । दरअसल, 1977 में उत्तर भारत में कांग्रेस का सफाया हो गया था।

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इसका बदला लेने के लिए कांग्रेस ने 1984 में अमिताभ बच्चन को चुनाव में खड़ा कर बाकी पार्टियों को धूल चटाई । ये चुनावी दाव-पेच काफी कड़ा रहा था। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में माटी के लाल हेमवती नंदन बहुगुणा और छोरा गंगा किनारे वाला अमिताभ बच्चन के बीच ये राजनीति का खेल रचा गया था।

लाल हेमवती नंदन बहुगुणा के मुकाबले में जब अमिताभ बच्चन को कांग्रेस ने उतारा तो यह चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया। अमिताभ तब तक सुपर स्टार बन चुके थे। लेकिन बहुगुणा भी राजनीति के पुराने खिलाड़ी रहे थे, इसलिए यह कहना मुश्किल था कि कौन जीतेगा।

अब क्योंकि अमिताभ सियासत में नए थे इसलिए बहुगुणा को अपनी जीत की पूरी उम्मीद थी। उधर अमिताभ को अपने इलाहाबादी होने की ताकत पर पूरा भरोसा था।

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चुनाव जीतने के लिए अमिताभ ने सारे फिल्मी हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए थे। धीरे-धीरे अमिताभ और उनकी अभिनेत्री पत्नी जया बच्चन पूरे इलाहाबाद में छा गए और बहुगुणा हल्के पड़ने लगे। प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने दोस्त की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरा जोर लगा दिया। अंत में हेमवती नंदन बहुगुणा राजनीति में नौसिखिए फिल्मी सितारे अमिताभ बच्चन से 187795 वोटों से चुनाव हार गए।

लेकिन अचानक अमिताभ ने तीन साल बाद ही सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया। दरअसल, उन दिनों अमिताभ के एक खास फैन ने एक चिठ्ठी भेजी थी जिसमें उन्होंने ये गुजारिश की थी वह राजनीति से दूर हो जाएं। फैन ने लिखा था कि, ‘सर मैं आपका बहुत बड़ा फैन हूं। पर मैं विरोधी पार्टी से हूं। मेरी आपसे गुजारिश है कि आप राजनीति छोड़ दें। क्योंकि इस वजह से आप मेरी जिंदगी मुश्किल बना रहे हैं।’

इसके अलावा एक इंटरव्यू के दौरान अमिताभ ने बताया था कि, ‘राजनीति में जाना एक भूल थी। मैं भावनाओं में बहकर उस क्षेत्र में गया, लेकिन बाद में मुझे अहसास हुआ कि राजनैतिक अखाड़े की वास्तविकता, भावनाओं से बहुत अलग है। इसलिए मैंने राजनीति छोड़ दी।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने दोबारा कभी राजनीति में वापस जाने की बात नहीं सोची।’

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