बताया गया है कि जिस वक्त मुकेश कुमार की गिरफ्तारी हुई,उस वक्त उपायुक्त मृत्युंजय कुमार वर्णवाल अपने आवास के बाहर टहल रहे थे। उन्होंने अफरा-तफरी देखकर एसीबी के डीएसपी से बात की। एसीबी की टीम आरोपी को बोकारो से धनबाद ले गई। गिरफ्तारी के दौरान एसीबी की टीम के साथ धनबाद की कार्यपालक दंडाधिकारी दीपमाला भी मौजूद थी।
गिरफ्तारी का हुआ विरोध
इधर, पीए मुकेश कुमार की गिरफ्तारी का समाहरणालय के कर्मचारियों ने विरोध किया है। विरोध कर रहे समाहरणालय कर्मचारियों का कहना है कि मुकेश कुमार को एक साजिश के तहत फंसाने की कोशिश की गई है। गिरफ्तार मुकेश कुमार उपायुक्त का स्टोनोग्राफर भी है। गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर जब मीडियाकर्मी मौके पर पहुंचे,तो गिरफ्तार आरोपी मुकेश कुमार अपने हाथ से चेहरे को छिपाने की कोशिश कर रहा था। बताया गया है कि मुकेश कुमार उपायुक्त का पीए होने के साथ-साथ सप्लाई विभाग में भी बड़े बाबू के पद पर काम करता था और बोकारो समाहरणालय में उसकी अच्छी पकड़ा थी। प्रारंभ में वह स्वास्थ्य विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर बहाल हुआ था, लेकिन कुछ ही दिनों में वह बोकारो उपायुक्त की पीए बन गया, साथ ही सप्लाई विभाग में बड़ा बाबू के रूप में भी काम करने लगा। एसीबी की टीम गिरफ्तार पीए से पूछताछ कर रही है, हालांकि एसीबी की ओर से इस संबंध में कुछ भी आधिकारिक रूप से बताने से इंकार किया गया है।