बैठने का तरीका सही हो
गलत सिटिंग से कई तरह के दर्द व खून का संचार गड़बड़ाने से रक्तवाहिकाओं में खून जमने की शिकायत हो सकती है। इसलिए सीधा बैठें, कंधे रिलेक्स रखें, पांव जमीन पर टिकाकर सीधे रखें, रीढ़ की हड्डी के अनुरूप घुमाव वाली कुर्सी पर बैठें, कम्प्यूटर स्क्रीन आंखों के लेवल में हो और कोहनी, हाथ व की-बोर्ड एक लेवल में रखें।
गलत सिटिंग से कई तरह के दर्द व खून का संचार गड़बड़ाने से रक्तवाहिकाओं में खून जमने की शिकायत हो सकती है। इसलिए सीधा बैठें, कंधे रिलेक्स रखें, पांव जमीन पर टिकाकर सीधे रखें, रीढ़ की हड्डी के अनुरूप घुमाव वाली कुर्सी पर बैठें, कम्प्यूटर स्क्रीन आंखों के लेवल में हो और कोहनी, हाथ व की-बोर्ड एक लेवल में रखें।
गर्दन
आराम से और ध्यानपूर्वक हल्के से गर्दन को आगे-पीछे करें। किसी भी मूवमेेंट में दर्द हो तो जबरदस्ती न करें। यह स्पोंडेलाइटिस से बचाएगी। ऐसा न करें: गोल घुमाने का और कटका निकालने का प्रयास न करें क्योंकि इससे चक्कर आ सकता है या दर्द बढ़ सकता है।
आराम से और ध्यानपूर्वक हल्के से गर्दन को आगे-पीछे करें। किसी भी मूवमेेंट में दर्द हो तो जबरदस्ती न करें। यह स्पोंडेलाइटिस से बचाएगी। ऐसा न करें: गोल घुमाने का और कटका निकालने का प्रयास न करें क्योंकि इससे चक्कर आ सकता है या दर्द बढ़ सकता है।
कमर
सीधा बैठें और पेट को 10 सेकेंड के लिए अंदर की ओर खींचकर रोकें। इससे पेट की मांसपेािशयां मजबूत होती हैं और कमर दर्द की समस्या नहीं होती। फाइल देने और प्रिंटर तक खुद ही जाएं ताकि बॉडी मूवमेंट बना रहे और दर्द की आशंका न रहे।
सीधा बैठें और पेट को 10 सेकेंड के लिए अंदर की ओर खींचकर रोकें। इससे पेट की मांसपेािशयां मजबूत होती हैं और कमर दर्द की समस्या नहीं होती। फाइल देने और प्रिंटर तक खुद ही जाएं ताकि बॉडी मूवमेंट बना रहे और दर्द की आशंका न रहे।
हाथ-पांव के लिए यह जरूरी
पूरे पंजे को टखने से हिलाएं। हाथ को सही सपोर्ट दें और लटकाकर न रखें जिससे कंधे रिलेक्स रहें और दर्द न हो। इससे खून का दौरा सामान्य रहेगा, सूजन, ऐठन और रक्तके जमने की परेशानी में काफी फायदा मिलेगा। पांव में होने वाली ऐंठन को दूर करने के लिए दूध-दही-छाछ, नींबू-नारियल पानी और केला डाइट में शामिल करें। केला पैरों का भड़कना और ऐठन दूर करने में मददगार होता है।
पूरे पंजे को टखने से हिलाएं। हाथ को सही सपोर्ट दें और लटकाकर न रखें जिससे कंधे रिलेक्स रहें और दर्द न हो। इससे खून का दौरा सामान्य रहेगा, सूजन, ऐठन और रक्तके जमने की परेशानी में काफी फायदा मिलेगा। पांव में होने वाली ऐंठन को दूर करने के लिए दूध-दही-छाछ, नींबू-नारियल पानी और केला डाइट में शामिल करें। केला पैरों का भड़कना और ऐठन दूर करने में मददगार होता है।
ज्यादा मालिश ना करें
एक घंटे के काम के बाद शरीर को 5-10 मिनट आराम दें। दो कप से ज्यादा चाय न पिएं, पीनी भी पड़े तो साथ में कुछ हल्का खाएं। चाय में चीनी ज्यादा न लें, इससे एसिडिटी व पाचन मेंं गड़बड़ी होती है। थोड़े-थोड़े अंतराल में ठंडे पानी से आंखों को धोएं। गर्दन व कमर दर्द में तौलिए को गर्म पानी में भिगोकर, निचोड़कर दर्द की जगह रखें, उस पर हल्के गर्म पानी से भरा हॉट बैग रखें व 10-15 मिनट बाद हटा दें। जैल या ऑइंटमेंट से जोड़ों पर ज्यादा देर न तो मालिश करें और न ही रगड़ें। इससे मांसपेशियां फट सकती हैं और सूजन व दर्द बढ़ सकता है।
एक घंटे के काम के बाद शरीर को 5-10 मिनट आराम दें। दो कप से ज्यादा चाय न पिएं, पीनी भी पड़े तो साथ में कुछ हल्का खाएं। चाय में चीनी ज्यादा न लें, इससे एसिडिटी व पाचन मेंं गड़बड़ी होती है। थोड़े-थोड़े अंतराल में ठंडे पानी से आंखों को धोएं। गर्दन व कमर दर्द में तौलिए को गर्म पानी में भिगोकर, निचोड़कर दर्द की जगह रखें, उस पर हल्के गर्म पानी से भरा हॉट बैग रखें व 10-15 मिनट बाद हटा दें। जैल या ऑइंटमेंट से जोड़ों पर ज्यादा देर न तो मालिश करें और न ही रगड़ें। इससे मांसपेशियां फट सकती हैं और सूजन व दर्द बढ़ सकता है।