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सही तरीके से करेंगे व्यायाम तो नहीं होगी दर्द की समस्या

locationजयपुरPublished: May 21, 2019 01:07:18 pm

इंटरप्टेड ब्रिस्क वॉकिंग ही मॉर्निंग वॉक का सही तरीका है। इसमें व्यक्ति तेज चलता है। आधा किमी तक चलने के बाद दो से तीन मिनट बे्रक लेकर फिर वॉक जारी की जाती है।

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इंटरप्टेड ब्रिस्क वॉकिंग ही मॉर्निंग वॉक का सही तरीका है। इसमें व्यक्ति तेज चलता है। आधा किमी तक चलने के बाद दो से तीन मिनट बे्रक लेकर फिर वॉक जारी की जाती है।

घुटनों और जोड़ों में दर्द से राहत पाने के लिए अक्सर लोग मॉर्निंग वॉक के साथ एक्सरसाइज करते हैं लेकिन सही तरीका मालूम न होने के कारण उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाता। ऐसे में दर्द और बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इंटरप्टेड ब्रिस्क वॉकिंग ही मॉर्निंग वॉक का सही तरीका है। इसमें व्यक्ति तेज चलता है। आधा किमी तक चलने के बाद दो से तीन मिनट बे्रक लेकर फिर वॉक जारी की जाती है।

करें गलतफहमियां दूर-
अक्सर घुटनों में दर्द या फिर गठिया की शुरुआत में व्यक्ति पालथी मारकर बैठना बंद कर देता है, जो कि गलत है। क्योंकि पालथी मारकर बैठने से पैरों की मांसपेशियों में लचीलापन बना रहता है जिससे ये अंग एक्टिव रहता है। ऐसे में यदि घुटना प्रत्यारोपित करना भी पड़े तो उसके मुडऩे की क्षमता प्रभावित नहीं होती। गठिया के इलाज और घुटना प्रत्यारोपण के बाद भी अक्सर लोग पालथी मारकर बैठना बंद कर देते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए।

करें खास व्यायाम –
दर्द दूर करने के लिए स्ट्रेचिंग और स्ट्रेन्थनिंग एक्सरसाइज की जा सकती हैं। आमतौर पर व्यक्ति को स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज की आवश्यकता होती है। यह मांसपेशियों को लचीला बनाती हैं जो हाथ-पैरों के मुड़ने और रोज की गतिविधियों के लिए बेहद जरूरी हैं। स्ट्रेन्थनिंग एक्सरसाइज के जरिए शरीर को मजबूती और शक्ति प्रदान की जाती है। गठिया व घुटने की समस्याओं से बचने के लिए नियमित योग करना चाहिए।

घुटना प्रत्यारोपण में रखें खास ध्यान –
घुटना प्रत्यारोपण कभी भी भ्रामक विज्ञापनों को देखकर न कराएं। ध्यान रखें ऑपरेशन प्रशिक्षित डॉक्टर से ही करवाएं। मरीज कितना डॉक्टर के निर्देशों के पालन करता है प्रत्यारोपित घुटने की लाइफ इस पर निर्भर करती है। इसलिए ट्रांसप्लांट के बाद डॉक्टरी सलाह जरूर लें और उनका पालन भी करें।

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