कटिचक्रासन –
ऐसे करें: सीधे खड़े होकर पैरों के बीच डेढ़ फुट की दूरी बनाएं। कंधों की सीध में दोनों हाथों को सामानांतर फैलाएं। इसके बाद बाएं हाथ को दाएं हाथ के कंधे पर रखें और दाएं हाथ को पीछे से बाईं ओर ले जाकर शरीर से स्पर्श करें। सामान्य सांस लेते हुए मुंह घुमाकर बाएं कंधे के बराबर ले आएं। 10-15 सेकंड इस स्थिति में खड़े रहने के बाद दाईं ओर से भी इसे दोहराएं। इस क्रिया को दोनों हाथों से 5-5 बार कर सकते हैं। इस आसन को करते समय ध्यान रखें कि कमर से ऊपरी शरीर को पीछे की ओर घुमाते समय घुटने न मोड़ें। साथ ही पैरों को अपनी जगह से न हिलाएं।
ध्यान रहे: जल्दबाजी में इस योगासन को न करें
वर्ना संतुलन बिगडऩे से चोट लग सकती है। चक्कर आने की स्थिति में इससे परहेज करें।
अनुलोम विलोम:
सांस संबंधी समस्याओं में यह काफी फायदेमंद है।
ऐसे करें: सुखासन या वज्रासन की मुद्रा में आंखें बंद करके बैठें। बाईं हथेली को बाएं घुटने पर रखें। अब दाएं हाथ के अंगूठे से नासिका के दाएं नथुने को बंद करें। बाएं नथुने से सांस लें। अब दाएं हाथ के बीच की दो अंगुलियों से बाएं नथुने को बंद करें और दाएं नथुने से सांस छोड़ें। अब इसी प्रक्रिया को दूसरे नथुने से भी दोहराएं। एक समय में इस क्रिया को 10-15 बार करें।
ध्यान रहें: जल्दबाजी में सांस लेने-छोडऩे की क्रिया न करें। सांस की गति पर ध्यान देकर इस प्राणायाम को करें। जिन्हें सांस संबंधी या फेफड़ों से जुड़ा रोग है, वे सावधानी बरतें।