घटना के बाद अर्जुन आयाम पिता शिवप्रसाद को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उपचार कराने पहुंचा। उसने चाचा रामप्रसाद और अमरितिया बाई को गांव में ही घायल हालत में छोड़ दिया। अस्पताल से घटना की सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची तो अर्जुन ने उन्हें पारिवारिक विवाद पर मारपीट होने की बात कही। पुलिस ने दूसरे पक्ष के संबंध में पूछा तो उसने चाचा-व चाची के घायल नहीं होने की झूठी जानकारी दे दी।
शनिवार सुबह ग्रामीणों ने रामप्रसाद व अमरितिया बाई को आंगन में खून से लथपथ देखा। घटना के बाद गांव में हड़कंप मच गया। पुलिस मौके पर पहुंची , जहां अमरितिया बाई की मौत हो चुकी थी। वहीं घायल हालत में रामप्रसाद जमीन पर पड़ा था। उसे उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती किया गया। पुलिस ने अर्जुन व उसके पिता से पूछताछ की, जिसमें घटना की पूरी कहानी सामने आई। पुलिस ने अर्जुन को हिरासत में ले लिया है।
शव लेने परिजनों ने किया इनकार पुलिस ने किया अंतिम संस्कार पुलिस के अनुसार मृतका अमरितिया बाई ने रामप्रसाद से 10 वर्ष पूर्व दूसरी शादी की थी। पूर्व में उसका विवाद ग्राम गनया में हुआ था। पहले पति से उसे 3 लड़के हैं, जिन्हें 10 वर्ष पूर्व छोड़कर वह रामप्रसाद के साथ शादी कर रहने लगी थी। मृतका का शव सुपुर्दनामे में देने के लिए पुलिस ने उसके तीनों बेटे से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने शव को लेने से इनकार कर दिया। परिजनों ने भी अमरितिया बाई का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। पुलिस ने शाम करीब 5 बजे मृतका का अंतिम संस्कार किया।